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मोबाइल करेगा ड्राइविंग लाइसेंस देने का फैसला ,सॉफ्टवेयर से परिवहन विभाग करेगा 20 जांच

हल्द्वानीः आज हर व्यक्ति के लिए मोबाइल एक जरूरत बन गया है। मोबाइल से हर कार्य आसानी से तो हो जाता है। पर मोबाइल का अधिक इस्तेमाल भी हानिकारक हो जाता है। इस ही बात का फायदा उत्तराखंड का परिवहन विभाग उठाना चाह रहा है। वहीं मोबाइल और माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जिसके फायदे से ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में होगा। विभाग भी इसका इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। इस योजना के इस्तेमाल से चौपहिया वाहनों के लाइसेंस की मांग करने वालों की बढ़ती संख्या को जल्द पूरा कराया जायेगा। सॉफ्टवेयर की मदद से व्यक्ति के वाहन चलाने की कुशलता की जांच मोबाइल से ही कर ली जायेगी । साथ ही जो व्यक्ति जांच में पास होगा उसी को लाइसेंस मिल सकेगा। परिवहन सचिव के अनुसार इसका ट्रायल जल्द ही इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) देहरादून में शुरू कराया जायेगा । ट्रायल सफल होने पर ही इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हल्द्वानी और हरिद्वार में शुरू किया जाएगा।सॉफ्टवेयर की जानकारी देते हुए परिवहन सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट कंपनी एक खास तरह सॉफ्टवेयर देने को तैयार है। इसके माध्यम से आसानी से लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों की जांच हो सकती है। इस सिस्टम की कीमत भी चार से पांच लाख होगी और ट्रैक 60 से 70 लाख में तैयार हो जाएंगे।

मोबाइल करेगा गहन जांच, तभी मिलेगा लाइसेंस

नये सॉफ्टवेयर के जरिये होगा वाहन चलाने की कुशलता का परीक्षण
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था में बदलाव की तैयारी
माइक्रोसाफ्ट का साफ्टवेयर और मोबाइल बनेगा मददगार
देहरादून से शुरू होगा ट्रायल, सफल होने पर हल्द्वानी दून में भी किया जाएगा शुरूपरिवहन विभाग के अनुशार  अभी जो ड्राइवर्स ट्रैक है, उसमें केवल चार तरह रिवर्स गियर में ‘एस’ बनाने, समानांतर पार्किंग, ऊंचाई पर वाहन चढ़ाने और अंग्रेजी में आठ के आकार के ट्रैक पर वाहन चलाने की जांच हो सकती है, जबकि मोबाइल के माध्यम से 20 तरह की जांचें (जैसे-सीट बेल्ट लगाना, ड्राइवर कितनी बार और कैसे ब्रेक लगा रहा है, मोड़ते समय उसकी आंखों का मूवमेंट समेत हर हरकत की जांच हो सकेगी। इस प्रकार सॉफ्टवेयर कैप्चर किए गए डाटा का विश्लेषण करेगा और उसके हिसाब से परीक्षार्थी को अंक मिलेंगे। परीक्षण में पास होने पर ही लाइसेंस जारी होगा। आईडीटीआर देहरादून के अलावा राज्य में हरिद्वार और हल्द्वानी में ड्राइवर्स ट्रैक प्रस्तावित है। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इसे वहां भी लागू किया जाएगा।

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