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201वीं हार चाहते हैं डॉ पदमराजन , हार के लिए कर रहे जी तोड़ मेहनत

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव के दौरान कई बड़ी खबरे सामने आ रही है,जिसमें नेता और अभिनेता हर कोई आगे बढ़कर हिस्स लेता दिख रहा है। वहीं कुछ ऐसे भी नेता है जो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। हर कोई नेता, अभिनेता या निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतने का दम भर रहे है। वहीं भारत के एक ऐसे नेता भी हैं जो हर चुनाव हारने के लिए ही लड़ते हैं। पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव लड़ने वाले डॉ पदमराजन एक होम्योपैथी डॉक्टर होने के साथ बिजनेसमेन भी है। डॉ. पदमराजन 1988 से लगातार हर एक चुनाव लड़ रहे है और हार भी रहे हैं।डॉ पदमराजन अब तक करीब 200 चुनाव हार चुके है। 1988 से अब तक डॉ सहाब ने हर एक चुनाव लड़ा है और पूरे जोर शोर के साथ चुनाव हरने के लिए मेहनत भी करी है। डॉ पदमराजन का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में इंडियाज मोस्ट अनसक्सेसफुल कैंडिडेट के नाम से दर्ज हैं। डॉ पदमराजन ने अपने इस शौक को पूरा करने के लिए अब तक 20 लाख रुपये खर्च कर चुके है। 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ पदमराजन एक बार फिर चुनावी मैदान में नजर आ रहे हैं। इस बार डॉ. साहब केरल के वयनाड सीट से चुनाव हारने के मुड़ में हैं। वयनाड सीट से ही राहुल गांधी चुनावी मैदान में है। डॉ पदमराजन और राहुल गांधी दोनो ने ही इस सीट से नामांकन भी कर लिया है।यह पहली बार नहीं है कि डॉ पदमराजन किसी बड़े नेता के खिलाफ चुनावी मैदान में है। वह लगभग हर बार किसी बड़े नेता से ही हार का स्वाद चखना चाहते हैं या यह भी कह सकते हैं कि डॉ पदमराजन अपनी हार को लेकर किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी वह चुनाव लड़ चुके हैं। इनके अलावा डॉ पदमराजन पूर्व पीएम डॉं. मनमोहन सिंह , नरसिंह राव , पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी , प्रतिभा पाटिल , केआर नारायणन , पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी , भैरोंसिंह शेखावत , जयललिता और हेमा मालनी जैसे कई राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ चुके है। डॉ पदमराजन एक बार फिर हार के लिए चुनावी मैदान में है।  

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