नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव की अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। यही कारण है कि कई पार्टी के नेता पाला बदलने से लेकर कई आपत्तिजनक भाषण भी दे रहे है। तो कई नेता ऐसे भी है, जिन्हें पार्टी किनारा करती नजर आ रही है। पर इस में कई ऐसे नेता भी है जो पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे है पर आज पार्टी से सबसे ज्यादा दूर है। पार्टी ने किनारा करने की वजाह नेताओं की बढ़ती उम्र बताई है। बढ़ी उम्र की बात से आप समझ गये होंगे की हम किसकी बात कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की और वह बड़े नेता है लाल कृष्ण आडवाणी जिन्हे बढ़ी उम्र का हवाला देते हुए टिकट नहीं दिया। आडवाणी के साथ पार्टी ने कई बड़े और राष्ट्रीय नेतओं को यही उत्तर देकर टिकट की रेस से बाहर कर दिया। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा आडवाणी के खास कहे जाने वाले नेता देखे जा रहा है। जिसमें खुद लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, शांता कुमार, बी सी खंडूड़ी, भगत सिंह कोश्यारी, करिया मुंडा जैसे बड़े नेता शामिल है। सुषमा स्वराज भी चुनाव लड़ने से मना कर चुकी हैं और अरुण जेटली (राज्यसभा सदस्य) भी इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। भाजपा के दो से 282 तक के सफर में हर लोकसभा चुनाव में लड़ने व लड़ाने वाले अधिकांश नेता इस बार चुनाव मैदान से बाहर हैं। यह वो नेता हैं जो भाजपा संगठन में लालकृष्ण आडवाणी के पार्टी अध्यक्ष रहते हुए राष्ट्रीय राजनीति में उभरे और चुनावी जंग में उतरते रहे हैं। इसमें एक बड़ी वजह अघोषित रूप से 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को लोकसभा का चुनाव न लड़ाना शामिल है। जेटली पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने अमृतसर सीट पर उतरे थे, लेकिन हार गए थे। अनंत कुमार का निधन हो चुका है और चुनाव लड़ाने वालों में अहम भूमिका निभाने वाले वेंकैया नायडू अब उप राष्ट्रपति बन चुके हैं। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का नाम अभी तक सही से भी पक्का नहीं देखा जा रहा है।