देहरादूनः आज के बदलते दौर में युवा भी अपने आप को तेजी से बदल रहा है। भारत में विदेशी लैंग्वैज सिखने और बोलने का एक अलग ही ट्रैंड बन चुका है। विदेशी भाषा सभी छात्र घात्राओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। वहीं विदेशी लैंग्वैज सीखने से आज बहुत से युवाओं को रोजगार भी मिला है। ऐसे में उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अब जर्मन, फ्रेंच, अमेरिकन समेत अन्य विदेशी लैंग्वेज का युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए आईटी विभाग की ओर से ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में ग्रोथ सेंटर बनाएं जाएंगे। राज्य सरकार ने ग्रोथ सेंटर के इन प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी है।
बता दें कि अब तक अलग-अलग विभागों के 58 ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति दी जा चुकी है। उत्तराखंड से पलायन रोकने के लिए त्रिवेंद्र रावत सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई है।
आईटी विभाग ने ग्रोथ सेंटर के पांच प्रस्ताव सरकार को भेजे थे। इसमें ऋषिकेश और पिथौरागढ़ ग्रोथ सेंटर को स्वीकृति मिल गई है। आईटी विभाग इन ग्रोथ सेंटरों में फॉरेन लैंग्वेज, आईटी, कंप्यूटर लैंग्वेज समेत 100 प्रशिक्षण कोर्स शुरू करेगा। उत्तराखंड में विदेशी पर्यटन काफी भारी संख्या में आते हैं। अगर राज्य के युवाओं को फ्रेंच, जर्मन, अमेरिकन समेत अन्य देशों की भाषाओं का प्रशिक्षण दिया जाता है, तो उन्हें गाइड के तौर पर रोजगार मिल सकता है और जिससे उत्तराखंड से पलायन काफी हद तक कम हो सकता है। इसके साथ ही बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) व नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ) सेक्टर में फॉरेन लैंग्वेज आने वाले युवाओं की काफी डिमांड है।
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बता दें कि अभी तक विभिन्न विभागों की ओर से ग्रोथ सेंटर के 120 प्रस्ताव सरकार को भेजे गए थे। इसमें से 58 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है। इन ग्रोथ सेंटरों के लिए विश्व बैंक पोषित योजना से धनराशि का प्रावधान भी किया जाएगा। राज्य मे रोजगार ना होने की वजह से यहां की युवा पीड़ी बड़े शहरों को रूख कर रही है। ऐसे में राज्य में पलायन रोकने के लिए और युवाओं को रोजगार देने के लिए विदेशी लैंग्वैज के सेंटर खोले जाएंगे।