हल्द्वानी: राशन कार्ड के बारे में जब पहली बार सुना और जानकारी ली तो पता चला कि ये तो निर्धन परिवारों के लिए बनता है। जो दो वक्त की रोटी जुटाने में असमर्थ रहते हैं उनके राशन सरकार द्वारा मुहैया कराया जाता है वो भी कम दाम में या फिर मुफ्त में। लेकिन राशन की दुकान के बार लाइन देखते हैं तो सारे अधिकतर मिडर क्लास के लोग दिखाई देते हैं। सैलरी साल भर की 5 लाख से ऊपर होगी ही, क्या वो बाहर से राशन नहीं ले सकते हैं, क्या वो गरीबों का राशन चुरा रहे हैं, ऐसा हम नहीं प्रशासन कह रहा हैं और आने वाले दिनों में कार्रवाई होने वाली है।
हल्द्वानी में सामने आया है कि पांत लाख से ज्यादा सैलेरी वालों के भी राशन कार्ड बने हुए हैं। लॉकडाउन में परिवार अपने कार्ड को ऑनलाइन करा रहे हैं। नैनीताल जिले में 20 दिन में 494 राशन कार्ड ऑनलाइन किए गए। इसमें से कई ऐसे परिवारों को लौटाया भी गया जिनकी आय पांच लाख रुपये सालाना से अधिक लगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत उन्हीं परिवारों के राशन कार्ड बनेंगे, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम हैं और राज्य खाद्य योजना के तहत ऐसे परिवारों के राशन कार्ड बनेंगे जिनकी वार्षिक आय पांच लाख रुपये से कम है। तहसील से कम आय का प्रमाण पत्र देकर लोगों ने राज्य खाद्य योजना के तहत पीले कार्ड बनवाए हैं। अभी लॉकडाउन के वजह से कई काम बंद हैं। अपना आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करने वालों ने लॉकडाउन का फायदा उठाकर राशन कार्ड ऑनलाइन कराए हैं। बता दें कि लॉकडाउन के समय पूर्ति विभाग बिना आय प्रमाण पत्र के ही राशन कार्ड ऑनलाइन कर रहा है।
इस बारे में पूर्ति निरीक्षक रवि सनवाल ने बताया कि दो दिन पूर्व एक व्यक्ति कार से आया और वह अपना राशन कार्ड ऑनलाइन करवाने के लिए कह रहा था। अपनी वार्षिक आय 10 लाख रुपये बताई। इसी तरह एक प्रतिष्ठित टेंट स्वामी का लड़का भी ऑनलाइन राशन कार्ड कराने के लिए पहुंचा। पूर्ति निरीक्षक ने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान की उनके कार्ड ऑनलाइन नहीं कर रहे हैं। वहीं डीएसओ मनोज कुमार ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के इन सभी गड़बड़ी की जांच की जाएगी। अगर किसी व्यक्ति द्वारा निमयमों का उल्लंघन किया गया तो वह कार्रवाई के लिए तैयार रहे।