एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस से मुकाबला कर रहा है। संक्रमित और मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर बुधवार देर नैनीताल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। खबर के अनुसार देर रात 10 बजकर 20 मिनट पर यह महसूस किया गया। कम तीव्रता होने से अधिकांश लोगों को भूकंप का एहसास नहीं हुआ। कहीं कोई नुकसान होने की सूचना नहीं है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 मैग्रिट्यूट मापी गई है।
बता दें कि इससे पहले आठ फरवरी को अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर समेत कुमाऊं के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस वक्त बागेश्वर जिले की दुगनाकुरी तहसील के किड़ई गांव में एक मकान की दीवार गिरने से दो लोग चोटिल हो गए थे, जबकि तीन अन्य मकानों में दरारें पड़ गईं थी। भूकंप का केंद्र कपकोट का गोगिना गांव बताया गया था।
उत्तराखंड में भूकंप झटके लगातार महसूस किए जा रहे हैं। लोगों में इसका डर भी बना हुआ है। वही फरवरी में आइआइटी कानपुर से पहुंची वैज्ञानिकों की टीम ने नैनीताल जिले के रामनगर के नंदपुर गैबुआ गांव का निरीक्षण किया था। 515 साल पहले यानी 1505 आए भूकंप के प्रमाण मिले। उनका कहना है कि इससे साबित हो गया है कि तब भूकंप का केंद्र यहीं आस पास रहा होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि उत्तराखंड का इतिहास बताता है कि यहां के भविष्य को भी भूकंप के कारण बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।