हल्द्वानी: शहर में त्योहारों से पहले मिलावट के खेल पर वार करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग छापेमारी कर रहा है। मिठाई की दुकानों से सैंपल लिए जा रहे हैं। पैसों के लिए मिलावट का खेल सालभर चलता है लेकिन कार्रवाई त्योहार से पहले होती है। ये बात किसी से नहीं छिपी है कि पनीर और नकली मावा हल्द्वानी के बाजार में पैर पसार चुका है और खाद्य सुरक्षा विभाग सिर्फ खानापूर्ति के लिए त्यौहारों के दो-चार दिन पहले छापेमारी कर अपनी कार्यशैली के नंबर बढ़ा रहा है। मिलावटखोरी का काम सालभर चलता है, त्योहारों में डिमांड के बढ़ने के साथ वो अधिक हो जाता है तो विभाग छापेमारी के मैदान पर उतरता है। सिंथेटिक पनीर सबसे ज्यादा खबरों में रहता है।
सूत्रों की मानें तो शहर के बड़े नामी रेस्ट्रोरेंटो में भी यही परोसा जा रहा है, जानकारों की मानें तो सिंथेटिक दूध से बनने वाली सभी उत्पादों से कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है। उच्च अधिकारियों को जवाब देने के लिए विभाग अपनी खाना पूर्ति कर चुका है आखिर ये बाजीगरी कब तक चलेगी? क्या आम आदमी मिलावटखोरों के शिकंजे में ही फंसा रहेगा। सीजनल कार्रवाई से तो लगता है शहर की कुछ खाद्य पदार्थो की दुकानों तक खाद्य सुरक्षा विभाग सीमित है, उनके अलावा नामी प्रतिष्ठानों की चकाचोन्द में विभाग भी गुम सा नज़र आता है।
वहीं पॉलीथिन को लेकर सोशल मीडिया पर हर रोज पोस्ट दिखाई देता है। युवा तमाम आइडियाज सामने लेकर आते हैं लेकिन एक दिन की कार्रवाई के बाद सब शांत हो जाता है। क्या सालभर पॉलीथिन से अपना व्यापार करने वाले दुकानदार एक दिन के छापेमारी और कुछ हजार जुर्माने से डर जाएंगे !