हल्द्वानीः मिट्टी हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है और हर जीव जंतु का संपर्क मिट्टी से होता है। मिट्टी के महत्व को लोग समझ सकें इसके लिए वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में मिट्टी संग्रहालय बनाया गया है। खास बात ये है कि यह राज्य का पहला मिट्टी संग्रहालय है। और इसमें मिट्टी पर शोध कर इसकी विशेषताओं को उजागर किया गया है।
बता दें कि राज्य में आठ प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। वन अनुसंधान केंद्र में इन मिट्टियों का शोध किया गया। मिट्टी की उर्वरकता, मिट्टी में मिलने वाले जीवाणु, रसायनिक व भौतिक गुण, अम्लीयता, घनत्व, पोषक तत्वों का प्रतिशत आदि पर शोध के बाद अनुसंधान केंद्र में ही मिट्टी संग्रहालय बनाया गया। इसमें मिट्टियों के सभी गुणों की जानकारी दी गई है। इसमें एक अलग मॉडल तैयार कर मिट्टी के अलग-अलग परतों को भी दर्शाया गया है।
संग्रहालय का कहना है कि उत्तराखंड में तराई-भावर जोन,मध्य हिमालयी क्षेत्र व उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। वहीं किस मिट्टी पर कौन सी वनस्पति लगाई जा सकती है, इस पर भी प्रकाश डाला गया है। लगातार कट रहे पेड़, प्रदूषण और रयासनों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरकता में गिरावट आ रही है। लोगों में जागरूकता लाने केे लिए उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों से आठ प्रकार की मिट्टी मंगाकर इस पर शोध कर संग्रहालय बनाया गया है।