हल्द्वानी: शहर के चित्रकार ने चित्रकारी में उत्तराखंड का नाम रौशन किया है। हल्द्वानी के रहने वाले प्रकाश चंद्र उपाध्याय चित्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की एक प्रतियोगिता में स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ विषय पर ऑनलाइन बाग लिया था। इस चित्रकला प्रतियोगिता में प्रकाश को नेशनल लेवल पर दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। जिसके कारण शहर का नाम तो ऊंचा हुआ ही है, साथ ही उत्तराखंड का मान भी पूरे देश के सामने बढ़ा है।
यह प्रतियोगिता उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की मदद से अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय एवं आर्ट गैलरी अयोध्या की ओर से आयोजित करवाई गई थी। आयोजन के लिए देश भर से लोगों की रचनाएं रिसीव की गई थीं। आपको बता दें कि यह प्रतियोगिता 21 से 25 सितंबर तक आयोजित हुई थी।
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हल्द्वानी निवासी प्रकाश चंद्र उपाध्याय वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के पैथालॉजी विभाग में आर्टिस्ट के पद पर कार्यरत हैं। प्रकाश की यह पेंटिंग विजय पाने में इसलिए भी कामयाब रही क्योंकि यह भारत की तस्वीर को और प्रतियोगिता के विषय को बहुत बेहतर ढंग से उजागर करती है। पेंटिंग में दो हाथों के बीच सहेजे भारत के नक्शे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चरखे पर ऊन कातते नजर आ रहे हैं। पेंटिंग को निर्णायक मंडल ने काफी सराहा।
चित्रकार प्रकाश उपाध्याय को अलग अलग संस्थाओं द्वारा काफी पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं। जिसमें मात्रृका पुरस्कार, नटराज कला रत्न सम्मान, कलाअनंत सम्मान, कोरोना वोरियर सम्मान, उत्कृष्टता आदि सम्मान शामिल हैं। इसके अलावा प्रकाश द्वारा कोरोना काल में करीबन 40 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ऑनलाइन हिस्सा लिया गया। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रकाश को चित्रकारी ता कितना शौक और जुनून है। बता दें कि प्रकाश उपाध्याय 50 से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय आर्ट गैलरी व आर्टिस्ट ग्रुप के सक्रिय सदस्य भी हैं।
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यह पहली मरतबा नहीं है जब प्रकाश चंद्र उपाध्याय ने कोई बड़ा कारमाना कर दिखाया है, इससे पहले भी प्रकाश के नाम बहुत से विश्व रिकार्ड दर्ज हैं। प्रकाश के नाम पर विश्व की सबसे छोटी हस्त लिखित पुस्तक के लिए 2013 में इंडिया बुक आफ रिकार्ड, विश्व की सबसे छोटी हस्त लिखित पुस्तक हनुमान चालीसा के लिए 2015 में यूनिक बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड दर्ज है।
प्रकाश ने अपनी कला के दम पर दुनिया की सबसे छोटी पेंसिल के लिए 2017 में असिस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड, विश्व का सबसे छोटे शिप (चौड़ी कांच की बोतल के भीतर स्थापित) के लिए 2018 में गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड, विश्व का सबसे छोटा हस्त निर्मित चरखा (वॄकग मॉडल) 2019 में लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दाम दर्ज कराया है।
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