हमारी मुस्कान की खूबसूरती को बढ़ाने में मसूड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर मसूड़े स्वस्थ और सुंदर हो तो वह हमारे सम्पूर्ण व्यक्तित्व में चार चाँद लगा देते हैं। मसूड़ों का रंग हल्का गहरा होने पर ही लोग अपने चेहरे और सुंदरता के प्रति आशंकित हो जाते हैं और इसके अलावा मसूड़ों पर दिखने वाले ये काले धब्बेनुमा दाग अशालीन रूप के लिए भी जिम्मेदार होता है। लेकिन मौजूदा वक्त में खानपान में ध्यान ना देकर लोग अपने दांतों को खराब तो कर ही रहें है उससे मसूड़ो में भी कालापन हो रहा है।इ सके अलावा ज़्यादातर समय मसूड़ों और मुंह की सही देखभाल न करने की वजह से यह समस्या सामने आती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे-
- किसी खास दवा द्वारा उपचार
- धुम्रपान
- अत्यधिक तनाव
- मुंह की साफ सफाई का ध्यान न रखना
- असंतुलित आहार
हल्द्वानी रामपुर रोड स्थित प्रकाश डेंटर हॉस्पिटल के डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने इस संबंध में होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए उपाय बताया। उन्होंने बताया कि कुदरती मसूड़े पींक कलर के होते है लेकिन ध्यान ना देने के कारण उनका रंग काला हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के केस अधिकतर उन लोगों में देखे जाते है जो धुम्रपान करते हैं। इस हटाने के लिए होने वाली प्रक्रिया को बिलिचिंग कहते हैं। इसे लेजर, सर्जरी व कैमिकल से दूर किया जा सकता है। अधिकतर मौके में रोगी लेंजर ट्रिटमेंट ही करवाता है। इसमें नतीजा जल्दी मिलता है। लेज़र ट्रिटमेंट के जरिए melanocytes नाम के सेल को हटाया जाता है, इससे melanin पैदा होता है जो मसूड़ों को काला करने का मुख्य कारण होता है।