नई दिल्ली: देश में कोई भी चायवाला अगर बड़ा मुकाम पाता है तो तुलना सीधे प्रधानमंत्री मोदी के साथ की जाती है। इस कड़ी में अगर एक कनेक्शन गुजरात का भी हो तो, सोने पर सुहागा होना तय है। एक ऐसे शख्स की कहानी इंटरनेट पर वायरल हो रही है जिसने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ चाय बनाकर नाम कमाया है। गणेश नाम के इस व्यक्ति के अब सात आउटलेट हैं और टर्नओवर भी बढ़िया है।
महाराष्ट्र के मूल और वड़ोदरा के वर्तमान निवासी 24 वर्षीय गणेश ने इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी शुरू की थी। मगर मन था कि कुछ ऐसा काम किया जाए जिसमें वह खुद अपने मालिक हों। गणेश के पिता किराने की दुकान चलाते हैं और हमेशा से चाहते थे कि बेटा पढ़ाई के बाद नौकरी करे। लेकिन गणेश ने चाय की दुकान खोलने का प्लान बनाया।
दुकान में चाय का काम ऐसा चमका कि गणेश ने पिछले 3 सालों में 7 आउटलेट्स खोल लिए हैं। जो कि विभिन्न शहरों में हैं। गणेश के कहे के अनुसार उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में पहली जॉब की थी। जिसमें मासिक आय 7 से ₹8000 ही थी। चाय की दुकान खोलने का मन इसलिए बना क्योंकि वह बचपन से ही चाय के शौकीन रहे हैं।
हालांकि, ये सफर इतना आसान नहीं रहा है। परिवार वालों ने उनसे कहा कि छह साल इंजीनियरिंग की पढ़ाई में पैसा लगाने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि उनका बेटा एक अच्छी नौकरी करेगाय़ रिश्तेदारों ने तो सवाल खड़े कर दिए। कहा कि पढ़ाई लिखाई करने का फायदा ही क्या है जब एक चाय की दुकान चलानी थी। गणेश ने एक साल तक घर पर कुछ नहीं बताया था।
गणेश ने अलग थीम के साथ काम शुरू किया। उन्होंने अदरक, इलायची आदि जैसे पारंपरिक स्वादों पर काम करना शुरू किया। उन्होंने चाय के आठ फ्लेवर्स बनाए। इनमें आम, स्ट्रॉबेरी, गुलाब, केला, हॉट चॉकलेट और अन्य कई अलग फ्लेवर्स थे। चाय को सिरप, तरल या प्रीमिक्स पाउडर के रूप में भी बनाते हैं। अब गणेश के कुल 7 आउटलेट से हैं. हर आउटलेट पर चाय के कम से कम 20 फ्लेवर्स उपलब्ध हैं।