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हल्द्वानी बिरला स्कूल के छात्र रहे जितेश धारियाल भी ISRO के चंद्रयान-3 मिशन में शामिल रहे

हल्द्वानी: भारत ने अंतरिक्ष में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। पूरे विश्व आज भारत की बात कर रहा है।  चाँद पर हुई चंद्रयान-3 की सुरक्षित लैंडिंग की बात पूरे विश्व कर रहा है। अंतरिक्ष में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न पूरा देश मना रहा है। ISRO ने रचा इतिहास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों को बधाई दी है। इस अभियान में हल्दूचौड़ के रहने वाले जितेश धारियाल भी शामिल रहे

बीते 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से चंद्रयान- 3 की लांचिंग की गई थी। नैनीताल जिले के जितेश भी मिशन का हिस्सा थे। जितेश ने जून 2022 में इसरो में ज्वाइन किया था। वो इसरो में मैकेनिकल विज्ञानी पद पर हैं। जितेश ने हल्द्वानी के आर्यमान विक्रम बिरला से स्कूली शिक्षा हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने एनआइसी कुरुक्षेत्र से बीटेक किया। जितेश शुरू से ही एक मेधावी छात्र रहे थे। उनका परिवार लालकुआं के हल्दूचौड़ क्षेत्र के दुर्गापालपुर मोतीराम क्षेत्र में रहता है। पिता कैलाश चंद्र धारियाल सेंचुरी पेपर मिल से सेवानिवृत हैं। माँ गृहणी है।

बता दें कि बुधवार को चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इसके साथ ही भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बना। चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, हालांकि इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई है। चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगें। चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.30 बजे लॉन्च किया गया था।

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