हल्द्वानी: बदलते वक्त के साथ तकनीक आधुनिकरण की ओर गई। सबसे ज्यादा बदलाव चिकित्सा में हुआ, जहां रोजाना नई-नई रिसर्च सामने आती है। दंत चिकित्सा का दायरा पिछले कुछ वक्त से काफी बढ़ा है। वैसे तो अधिकतर मौको पर दंत चिकित्सक की जरूरत लापरवाही के कारण ही पड़ती है। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में अपने दांतों की तरफ लोगों का ध्यान नहीं जाता है।
आज हम बात करेंगे डेंटल ज्वैलरी की
अपने दांतों को सुंदर रखने के लिए कई लोग अपने दांतों में धातु लगाते है। इस लिस्ट में गोल्ड और डाइमंड खासा प्रचलन में हैं। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का दर्द नहीं होता है। और अगर व्यक्ति चाहे तो उसे निकालवा सकता है। खास बात है कि डेंटल ज्वैलरी के दौरान ज्यादा वक्त नहीं लगता है। अधिकतर लोग यह उपचार अपनी मुस्कान और आकर्षित बनाने के लिए करवाते हैं। डॉक्टर शिवानी जोशी (प्रकाश डेंटल हॉस्पिटल हल्द्वानी ) ने बताया कि यह ट्रिटमेंट कॉस्मेटिक के अंदर आता है। अपनी दांतों की चमक बढ़ाने के लिए लोग इसका उपयोग करते हैं।
कैसे करते है डेंटल ज्वैलरी
- सबसे पहले दांत को सुखाया जाता है और पॉलिसिंग पेस्ट से साफ किया जाता है।
- दांत को 37% orthophosphoric acid के साथ खुदरा किया जाता है। इसे धातु की पकड़ दांत पर मजबूत रहती है।
- उसके बाद दांत को साफ किया जाता है।
- उसके बाद दांत में छोटे कंपोजिट को रखा जाता है।
- दांत में ज्वैलरी को लगाया जाता है। इस बात का ध्यान रखा जाता है कि ज्वैलरी त्वचा के टच में ना आए।