हल्द्वानी- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ज्यादातर युवा पशुपालन कर स्वरोजगार की शुरुआत करना चाहते हैं। यही वजह है कि लोगों ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत पशुपालन में पोल्ट्री फार्म गोट फार्मिंग और कॉउ फार्मिंग को चुना है हल्द्वानी में मुख्य विकास अधिकारी नरेंद्र भंडारी की अध्यक्षता में साक्षात्कार में 100 में से 56 अभ्यर्थी उपस्थित रहे जिनको ढाई करोड़ का लोन स्वीकृत किया गया।
जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक विपिन कुमार ने बताया कि 10 प्रवासियों सहित 56 स्वरोजगार करने के इच्छुक आवेदकों का साक्षात्कार हुआ जिनको लगभग ढाई करोड रुपए के लोन की स्वीकृत दी गई। इसमें ज्यादातर पशुपालन संबंधित स्वरोजगार करने वाले युवा हैं और इसके अलावा डिपार्टमेंटल स्टोर, चप्पल बनाने की यूनिट और साइबर कैफे सहित अन्य कार्यों में भी लोन लेकर स्वरोजगार करने के इच्छुक अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के बाद लोन स्वीकृत किए गए। जिनमें 10 प्रवासी भी हैं जो यहां रहकर स्वरोजगार करना चाहते हैं इस साक्षात्कार में 44 लोग अनुपस्थित रहे।
इसके अलावा कई स्वरोजगार का आवेदन कर चुके अभ्यर्थी कई साक्षात्कार में नहीं पहुंच रहे हैं लिहाजा जिला उद्योग केंद्र ऐसे अभ्यर्थी जो लंबे समय से साक्षात्कार में अनुपस्थित रह रहे हैं उनके आवेदनों को अस्वीकार्य करने जा रहा है, इस दौरान बैंक के अधिकारी एमएस जंगपांगी आईटीआई के प्रतिनिधि पीसी जोशी, हरीश चंद्र तिवारी, केसी सती, सुनील पंत, वाइसी शर्मा, सुरेंद्र कुमार साक्षात्कार टीम में मौजूद थे।
लॉकडाउन में सैंकड़ों की तादत में उत्तराखंड के प्रवासी राज्य में लौटे थे। कुछ दिन पहले जारी हुई रिपोर्ट में सामने आया था कि 71 प्रतिशत प्रवासी वापस नहीं लौटे हैं। लोग अब अपने घर पर रहकर रोजगार के अवसर खोज रहे हैं। इस मुहिम में सरकार उनकी मदद कर रही है। पिछले लंबे वक्त से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत बेरोजगारों को लोन दिया जा रहा है।