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पिथौरागढ़ की मेनका गुंज्याल ने रचा इतिहास, नेशनल स्कीइंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

Uttarakhand Menka Gunjyal: Gold Medal: Himalayan States First Skier: Pithoragarh Success Story:

देवभूमि की हर संतान पर देवों की वह असीम कृपा है कि अगर वह एक बार सफलता के मार्ग पर चलना शुरू कर दे, तो सफलता उसका नाम खुद दोहराना शुरू कर देती है। रक्षा, शिक्षा, कला, खेल आदि क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने वाले राज्यों में देवभूमि का नाम अग्रिम पंक्ति में लिखा जाने लगा है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि में जितना योगदान यहाँ के बेटों का है उतना ही बेटियों का भी। एक महीने पहले ही हमने प्रदेश का नाम रौशन करने वाली मेनका गुंज्याल की उपलब्धि से आपको परिचित कराया था। देवभूमि की इस बेटी पर ईश्वर की कृपा का आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि दो महीने के अंतराल में इन्होंने 3 पदक जीत लिए हैं।

जी हाँ, पिथौरागढ़, धारचूला विकास खंड, ग्राम पंचायत गुंजी निवासी मेनका गुंज्याल ने हिमाचल सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा 29-30 मार्च को जीभि, जलोरी पास घाटी, हिमाचल प्रदेश में आयोजित नेशनल स्कीइंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। अपने अद्भुत प्रदर्शन और साहसिक तकनीक से मेनका ने केवल उत्तराखंड ही नहीं बल्कि हिमालयी राज्यों में पहली स्केयर का दर्जा भी हासिल कर लिया है। आपको बता दें कि मेनका ने इस वर्ष इस प्रतियोगिता के अतिरिक्त अन्य दो प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया था। इनमें उन्हें एक रजत और एक स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ।

मेनका की उपलब्धि किसी भी खिलाड़ी के अनुशासन और एकाग्रता की आवश्यकता को दर्शाता है। जिस तरह मेनका ने कश्मीर के गुलमर्ग में खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 22 से 25 फरवरी को आयोजित चौथी खेलो इंडिया प्रतियोगिता में नेशनल स्कीइंग पर्वतारोहण स्प्रिंट रेस में गोल्ड और स्कीइंग पर्वतारोहण वर्ट रेसिंग में रजत पदक जीतकर आराम करने का निणय नहीं लिया। अपने अभ्यास पर विश्वास करती हुई मेनका ने इस वर्ष की अपनी पहली प्रतियोगिता के तुरंत बाद औली में विंटर गेम्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित नेशनल स्कीइंग माउंटेनियरिंग चैंपियनशिप में 8-9 मार्च को एक और रजत पदक जीता। इससे सभी प्रदेशवासियों के जज़्बे और युवाओं की सक्षमता भी स्वर्ण अक्षरों में परिभाषित होती है।

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