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नैनीताल डीएम सविन बंसल के विज़न ने लोगों को दिया भरोसा, सरकारी हॉस्पिटल में 10 गुना बढ़ी OPD

नैनीताल डीएम सविन बंसल के विज़न ने लोगों को दिया भरोसा, सरकारी हॉस्पिटल में 10 गुना बड़ी OPD

नैनीताल: पिछले डेढ़ सालों से जिले के सरकारी हॉस्पिटलों की तस्वीर बदली है। आधुनिक मशीनों को उपयोग में लाया गया है। डॉक्टरों पर भी जिला प्रशासन नजर बनाए हुए हैं और जनता से भी फिडबैक मांगा जा रहा है। डीएम सविन बंसल के पद संभालने के बाद से यब बदलाव देखने को मिले हैं। बदलाव हुए तो लोगों का भी सरकारी ह़ॉस्पिटल के प्रति भरोसा बढ़ा। राजकीय चिकित्सालय गरमपानी में की बात करें तो आधुनिकतम पैथोलॅाजी लैब, एक्सरे मशीन तथा अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था की थी, जिसका परिणाम यह हुआ की गरमपानी चिकित्सालय मे पहले केवल 15 से 20 मरीज आ रहे थे आज वह संख्या बढकर 150 से 200 हो गई है।

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जनस्वास्थ्य डीएम बंसल की प्राथमिकता में शामिल है। डीएम बंसल का मानना है कि अगर अस्पतालों मे आधुनिकतम पैथोलाॅजी लैब हो तो निश्चय ही ओपीडी में मरीजों की संख्या मे इजाफा होता है। उन्होने कहा कि छोटी-छोटी जांचें कराने के लिए दुर्गम इलाकों के मरीजों को हल्द्वानी शहर का रूख करना पडता है, जिससे उनके समय और धन की बर्बादी होती है। इसी तथ्य को संज्ञान मे रखते हुये जिलाधिकारी बंसल ने गुजरे समय में पर्वतीय क्षेत्रों के हॉस्पिटल की तस्वीर बदलने की कोशिश की है।

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बता दें कि डीएम सविन ने राजकीय चिकित्सालय पदमपुरी का निरीक्षण किया। निरीक्षण मे उन्हें बताया गया कि चिकित्सालय में किसी भी प्रकार की पैथोलाजी लैब ना होने के कारण मरीजों को दूर शहरों मे जाकर जांच करानी पड रही है। इस पर जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि चिकित्सालय में तीन सप्ताह के भीतर सभी सुविधाओं से लैस पैथोलाजी लैब शुरू कर दी जायेगी फिर दूरदराज के लोगों को जांच कराने के लिए कही दूर नही जाना पडेगा।

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पैथोलाॅजी रिपोर्ट के अध्ययन के बाद चिकित्सक को भी आसानी रहती है और बेहतर इलाज मरीजों को मिल सकेगा। उन्होेने कहा कि स्थापित होने वाली लैब के लिए टैक्नीशियन की व्यवस्था उपनल के माध्यम से की जायेगी। चिकित्सालय मे अल्ट्रासाउन्ड तथा एक्सरे मशीन की व्यवस्था भी जिला योजना फंड से कराई जायेगी। उन्होने कहा कि हमारा प्रयास है कि जिले के सुदूरवर्ती इलाकों मे रह रहे लोगोें को बेहतर जनस्वास्थ की सुविधायें मिलें। उनका मानना है कि प्रत्येक नागरिक समाज व राष्ट्र की धरोहर है। स्वस्थ्य शरीर मे ही स्वस्थ्य मष्तिस्क रहता है। स्वस्थ्य व्यक्ति ही रचनात्मक एवं सृजनात्मक कार्यो को अंजाम दे सकता है जो कि विकास के लिए आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है।

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