हल्द्वानी: पहाड़ की कला, पहाड़ की संस्कृति को बढ़ाने की जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार के बाद अब नैनीताल के नवनियुक्त डीएम ने भी ले ली है। ऐपढण कला को आगे बढ़ाने के लिए कई युवा, कई संस्थाएं काफी प्रयास कर रही हैं। कई लोग तो ऐपण की कला को देश-विदेश में पहुंचाकर स्वरोजगार के रास्ते भी स्थापित कर रहे हैं।
बहरहाल ऐपण कला के लिहाज से एक और बहुत अच्छी खबर सामने आई है। नैनीताल जिले के सभी सरकारी दफ्तरों के बाहर ऐपण कलाकारी से तैयार की गई नेम प्लेट लगाई जाएंगी। इससे पहले सरकारी कार्यालयों के बाहर अफसरों का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा होता था। जो कि अब ऐपण कलाकारी के साथ लिखा जाएगा। डीएम धीराज गर्ब्याल खुद से यह शुरुआत करने जा रहे हैं।
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पौड़ी के पूर्व जिलाधिकारी रहे धीराज गर्ब्याल ने नैनीताल के डीएम पद की जिम्मेदारी संभाल ली है। इसके बाद उन्होंने कई सारी योजनाओं और अपनी प्राथमिकताओं को जनता से साझा भी किया। बहरहाल अब उत्तराखंड की लोक कला यानी ऐपण कला को प्रोत्साहित करने के लिए डीएम धीराज गर्ब्याल एक पहल शुरू करने जा रहे हैं। जिला योजना की पहली बैठक लेते हुए डीएम ने सभी कार्यालयों में ऐपण से बनी नेम प्लेट लगाने के निर्देश दे दिए हैं।
डीएम के दिशा निर्देशों के बाद जिला उद्योग केंद्र ने ऐपण पर काम करने वालों से उनकी प्रविष्टियां मांगनी भी शुरू कर दी हैं। गौरतलब है कि बहुत जल्द नैनीताल जिले के सभी सरकारी दफ्तरों के बाहर परिचय पटों पर आपको ऐपण कलाकृतियां नजर आएंगी। डीएम गर्ब्याल की सहमति के बाद नेम प्लेट के मॉडल को अंतिम रूप दिया जाएगा। परिचय पट लगाने में आने वाले व्यय को विभाग कार्यालय मद से खर्च करेंगे।
नैनीताल के डीएम धीराज गर्ब्याल पौड़ी में भी काफी सराहनीय कार्य कर चुके हैं। उन्होंने पौड़ी में प्राथमिक स्तर पर गढ़वाली पाठ्यक्रम तरह तैयार कराया था। जहां पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों के लिए विषय विशेषज्ञों से गढ़वाली भाषा में धगुलि, हंसुलि, झुमकि, पैजबी आदि पुस्तकें तैयार कराईं। बता दें कि इस पहल को प्रदेश भर में सराहा गया था।
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