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नैनीताल की महिलाओं का टैलेंट देखिए, इस्तेमाल फूलों से बना रही हैं कपड़े पर डिजाइन


Cheli Arts, Fulari art prints:- भारत देश एक उत्सव प्रिय देश है। और इन उत्सवों में फूल एक मुख्य भूमिका निभाते हैं। बात चाहे घर में हो रहे कार्यक्रमों की हो या मंदिर गुरुद्वारे जैसे स्थलों की हो, फूलों का इस्तेमाल हमेशा से ही चला आ रहा है। पर अक्सर इस्तेमाल किए हुए फूल या तो फेंक दिए जाते हैं या फिर किसी नदी–नाले में बहा दिए जाते हैं। लेकिन नैनीताल की कुछ महिलाओं ने इन इस्तेमाल किए गए फूलों का एक बेहतरीन उपाय खोज निकाला है। इन फूलों के जरिए नैनीताल की महिलाओं ने अब अपने रोजगार का नया तरीका ढूंढ लिया है।

आपको बता दें कि, उत्तराखंड में झीलों का शहर कहे जाने वाली नैनीताल में “चेली आर्ट” संस्था द्वारा एक अनूठा कार्य किया जा रहा है। नैनीताल की संस्था ‘चेली आर्ट्स’ एक लंबे वक्त से पहाड़ी उत्पादों और कुमाऊंनी संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम करती आ रही है। ऐसे में इस संस्था ने फूलों और पत्तियों की मदद से कपड़ों पर डिजाइन तैयार करने का एक अनूठा आइडिया खोज निकाला है। इसकी खास बात यह है कि यह सबकुछ वेस्ट चीजों से बनाया जा रहा है। इस कमाल के आईडिया का श्रेय चेली आर्ट्स की संस्थापक डॉ किरण तिवारी को जाता है।

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किरण तिवारी बताती हैं कि फूलों से तैयार किए जाने वाले इन डिजाइन को इको प्रिंट है, जिसमें पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए फैशनेबल चीजें बनाई जाती है। इससे डिजाइन किए गए कपड़ों से निकलने वाला रंग किसी अन्य डाई की अपेक्षा पानी को प्रदूषित भी नहीं करता।

डॉ किरण तिवारी ने बताया कि यह एक तरह का बोटेनिकल आर्ट है। इसमें सूखे फूलों की पंखुड़ियों, बेकार पड़े पत्ते, प्याज के छिलके जैसी चीजों से कपड़ों पर प्रिंट किया जाता है। वो बताती हैं कि इसके लिए महिलाएं नजदीकी नैना देवी मंदिर और गुरुद्वारा से सूखे हुए फूलों की मालाओं से फूल इकट्ठा करती हैं। और फिर उनकी पंखुड़ियों को अलग-अलग करके इस्तेमाल करती हैं।

कपड़ो पर ये प्रिंट देने के लिए पहले कपड़े को साफ करके धोया जाता है। उसके बाद मंदिर और गुरुद्वारे से लाए गए फूलों की पंखुड़ियों की डाई बनाई जाती है। इसे कपड़े पर लगाया जाता है और आकर्षक डिजाइन दिए जाते हैं। फूलों से बने इस डिजाइन को लोग अब ‘फुलारी आर्ट्स’ के नाम से पहचान रहे हैं। किरण तिवारी बताती हैं कि फिलहाल उनकी संस्था इन फूलों से स्‍टोल, साड़ी और रुमाल आदि तैयार कर रही है।

यही नहीं, कपड़ों के अलावा यह महिलाएं प्राकृतिक होली के रंग कुमकुम, पीठिया और धूप जैसे कई तरह के आर्गेनिक प्रोडक्ट्स भी बनाती हैं। किरण द्वारा किया जा रहा ये सराहनीय काम ना केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि कई महिलाओं के रोजगार का भी साधन है। चेली आर्ट्स के प्रोडक्ट ऑनलाइन और कई लोकल स्टोर पर भी उपलब्ध है।

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