
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य की आर्थिक रूप से कमजोर और एकल महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से “एकल महिला स्वरोजगार योजना” को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत जरूरतमंद महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए अधिकतम दो लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। खास बात यह है कि इस राशि का 75 प्रतिशत भाग सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा, जबकि लाभार्थी महिलाओं को केवल 25 प्रतिशत योगदान करना होगा।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 30 करोड़ रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। पहले चरण में दो हजार महिलाओं को योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अगले वर्ष योजना की प्रगति और प्रभाव का मूल्यांकन कर लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
योजना के मसौदे के अनुसार, उत्तराखंड की “एकल महिलाओं” की परिभाषा में वे महिलाएं शामिल की गई हैं जो निराश्रित हैं, अविवाहित हैं (जो परिवार पर आश्रित न हों), विधवा हैं, तलाकशुदा या परित्यक्ता हैं, किन्नर समुदाय से हैं, या फिर अपराध अथवा एसिड हमले की पीड़ित हैं। इसके अतिरिक्त वे महिलाएं भी पात्र होंगी जो अपने अवयस्क बच्चों या अविवाहित पुत्री का पालन-पोषण अकेले कर रही हों और आर्थिक रूप से कमजोर हों।
यह योजना राज्य की उन महिलाओं के लिए एक नई आशा लेकर आई है जो सामाजिक या पारिवारिक कारणों से अकेले जीवन व्यतीत कर रही हैं और आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं।

