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मन की बात में PM मोदी ने पौड़ी के सच्चिदानंद भारती की तारीफ की…

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो शो मन की बात में एक बार फिर उत्तराखंड निवासी का नाम लिया गया। इससे पहले भी पीएम अपने शो में उत्तराखंड की संस्कृति व लोगों के परिश्रम का जिक्र कर चुके हैं। सच्चिदानंद भारती की पहचान जल और जंगल के संरक्षण से है।

वह उत्तराखंड के पौड़ी जिले के गाडखर्क गांव के मूल निवासी हैं। पिछले 40 साल से वह जंगलों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। वह सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। लंबे वक्त से इस कार्य से जुड़े सच्चिदानंद भारती जल, जंगल और जमीन के साथ प्रकृति हमारे जीवन का आधार है, इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं है। मनुष्य को इसे बचाना चाहिए क्योंकि ये है तो हम सभी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के दौरान जल और जंगल संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किए। इसी दौरान उन्होंने सच्चिदानंद भारती का परिचय दर्शकों से कराया और कार्यों की सराहना की।सच्चिदानंद भारती को जल और जंगल के संरक्षण के लिए जाना जाता है। वह कहते हैं कि इसे बचाना बेहद जरूरी है।

ये ईश्वर का तोहफा है और इस पर आने वाली पीढ़ी का भी अधिकार है। आज ये हमारी जिम्मेदारी है और कल किसी और की होगी। हम अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते हैं। उन्होंने 1989 में बीरोंखाल के उफ्रैंखाल में इस काम को शुरू किया। इसके तहत उन्होंने छोटे-छोटे चाल खाल बनाए। जिनमें बरसात के पानी का संरक्षण किया।

उन्होंने क्षेत्र में करीब 30 हजार से अधिक चाल-खाल बनाए। जिन्हें उन्होंने ‘जल तलैया’ नाम दिया। उसके आसपास बांज, बुरांस और उत्तीस के पेड़ों को लगाया। परिणाम यह हुआ कि 10 साल बाद सूखा गदेरा सदानीर नदी में बदल गया। जिसे उन्होंने ‘गाड गंगा’ नाम दिया। गदेरे में वर्तमान में लगातार पानी चल रहा है। उनका कहना है कि चाल-खाल के निर्माण से प्राकृतिक जल स्रोतों को पुर्नजीवित कर गंगा के अस्तित्व को बचाया जा सकता है।

उन्होंने बीते मार्च माह में नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में जल संरक्षण और संवर्द्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए नमामि गंगे और नीर फाउंडेशन की ओर से ‘रजत की बूंदें’ नेशनल वाटर अवॉर्ड 2021 से नवाजा गया था। अब वह भीषण वनाग्नि की घटनाओं से निजात पाने के लिए काम कर रहे हैं।

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