किच्छा: कोरोना संक्रमण के इस काल में कुछ अराजक तत्व अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। एक तरफ कालाबाजारी तो दूसरी तरफ फर्जी जांच करने वाले पकड़े जा रहे हैं। जिले में एक निजी लैब पर शिकायतों के बिना पर प्रशासन ने छापा मारा तो सारा खेल सामने आ गया। उत्तराखंड आने वालों को ये लैब बिना जांच के ही फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट बना कर दे रहा था। इसके आठ कर्मियों को हिरासत में लिया गया है।
दरअसल उत्तर प्रदेश से सटा हुआ पुलभट्टा बॉर्डर इसलिए भी अहम है क्योंकि यह यूपी से उत्तराखंड में प्रवेश करने का एक द्वार है। अब यहां स्टार इमेजिंग प्राइवेट लिमिटेड को जांच करने का ठेका मिला हुआ है। 27 मई से ही यहां से ही बॉर्डर क्रॉस करने वालों का रैपिड एंटीजन टेस्ट लैब द्वारा किया जा रहा है। ऐसे में प्रशासन को शिकायत मिली की लैब द्वारा बिना जांच के लोगों को नेगेटिव रिपोर्ट दी जा रही है।
इस मामले की जांच के लिए जब मंगलवार को एसडीएम एनसी दुर्गापाल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो दूध का दूध पानी का पानी हो गया। हुआ ये कि लैब कर्मियों ने बताया कि पूरे दिन में 104 टेस्ट हुए हैं जबकि असल में हुए केवल 6 ही थे। इसी के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मार्च में प्रयोग की गईं 167 पुरानी एंटीजन किट और 303 अन्य किट जब्त की हैं।
सीएमओ बीएस पंचपाल ने बताया कि निजी लैब द्वारा उधमसिंह नगर में पांच बॉर्डर पर कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले को दबाने का दबाव भी कुछ नेताओं द्वारा बनाया जा रहा हैं। हालांकि किसी का नाम सामने नहीं आया है। बहरहाल किच्छा सीएमएस डॉ एचसी त्रिपाठी की ओर से लैब के आठ कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही उन्हें हिरासत में लिया गया हैं।
हिरासत में लिए गए आरोपित
विवेक निवासी शिवालिक नगर हरिद्वार
अभय निवासी भदईपुरा रुद्रपुर
पुष्पेंद्र सिंह निवासी शांति कॉलोनी रुद्रपुर
शुभम सिंह निवासी शहजादपुर नागल बिजनौर
अंकित सैनी निवासी चिड़ियापुर हरिद्वार
हर्ष कुमार सिंह निवासी शहजादपुर नागल बिजनौर
विकास शर्मा निवासी सोनीपत
राजेंद्र सिंह सैनी निवासी चिड़ियापुर हरिद्वार
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