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कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा का एक्शन,लापरवाह घोड़े-खच्चर संचालकों के खिलाफ होगी FIR

देहरादून: केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लगातार हो रही मौत के मामले सामने आ रहे हैं। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इस पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों के बिना सोच भी नहीं सकते हैं। बुजुर्गों को यात्रा कराने में वह अहम योगदान देते हैं। घोड़ा-खच्चर की देखभाल संचालक की होगी। लगातार मौत हो रही है, इससे साफ है कि उन्हें आराम का वक्त नहीं मिल रहा है। उन्होंने साफ किया कि ऐसे संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

बेजुबान जानवरों के साथ अत्याचार स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में लगभग दस हजार घोड़े खच्चर हैं, जिसमें आठ हजार पांच सौ का ही रजिस्ट्रेशन किया गया है। उन्होंने कहा कि एक दिन में पचास प्रतिशत ही घोड़े खच्चरों का संचालन किया जाए और घोड़े खच्चरों को एक दिन का अनिवार्य रूप से आराम दिया जाए।

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली और कहा कि उन्हें केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की मौत की सूचना मिल रही है। यात्रा शुरू होने के बाद से यात्रा मार्ग पर 70 घोड़े-खच्चरों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कोई घोड़ा खच्चर कमजोर एवं अनफिट है तो उसका यात्रा मार्ग में संचालन न किया जाए। केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों का समुचित ध्यान रखा जाए और यात्रा मार्ग में पीने के पानी की उचित व्यवस्था की जाए।

सौरभ बहुगुणा ने जिला प्रशासन को यात्रा मार्ग में एक फोर्स तैनात करने के निर्देश दिए, जिसमें 20 लोगों शामिल होंगे, वह यात्रा मार्ग में संचालित घोड़े खच्चरों को उनके मालिकों एवं हाॅकरों द्वारा समय-समय पर दाना, चारा, पानी देने पर नजर रखेगी। इसके साथ ही उन्होंने पांच सदस्यों की टीम भी गठित करने के निर्देश दिये, जिसमें पशु चिकित्सक, पुलिस, जिला पंचायत एवं जिला प्रशासन के लोग शामिल होंगे।

वह यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोडे़-खच्चरों का निरन्तर निगरानी करते हुए जांच करेंगें। उन्होंने कहा कि यदि यात्रा मार्ग में घोड़े खच्चर की मृत्यु होने पर जांच रिपोर्ट में पाया जाता है कि उसकी मृत्यु उचित दाना-पानी न मिलने व भूख के कारण हुई है तो घोड़े खच्चर मालिक एवं होकर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए और घोड़े खच्चर के बीमा का पैंसा भी न दिया जाए। उन्होंने कहा कि कमजोर जानवर की देखभाल का खर्चा विभाग उठाएगा।

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