देहरादून: बुरा वक्त बुरा ज़रूर होता है लेकिन उस बुरे वक्त में भी अच्छा ढूंढने की चाह कुछ लोगों को बाकी सबसे अलग कर देती है। कालसी निवासी राहुल बिष्ट ने लॉकडाउन में ना सिर्फ ढेर सारे युवाओं को होटल मैनेजमेंट के निशुल्क कोर्स में एडमिशन दिलवाया बल्कि पारंपरिक भोजन को विश्व स्तर पर ले जाने की कोशिश भी कर रहे हैं।
वन विभाग कॉलोनी कालसी निवासी राहुल बिष्ट पेशे से शैफ हैं और फिलहाल वक्त गोवा के एक प्रतिष्ठित होटल में बतौर शैफ कार्यरत हैं। लेकिन राहुल ने लॉकडाउन में जो सराहनीय काम किए हैं उसकी गूंज आज भी बहुत तेज़ी से सुनाई दे रही है।
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दरअसल लॉकडाउन के दौरान अपने आवास पर ही राहुल ने यूट्यूब के जरिए लोगों को नई नई रेसिपी तैयार कर दिखाईं। जिसमें पारंपरिक भोजन भी शामिल रहे। इतना ही नहीं बल्कि 50 से भी अधिक युवाओं को पंडित दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना के तहत होटल मैनेजमेंट के निशुल्क कोर्स में एडमिशन दिलवाने का भी काम किया।
अपने पैतृक गांव नारायण बगड़ चमोली तथा उसके बाद कालसी से शिक्षा ग्रहण करने के बाद राहुल बिष्ट ने देहरादून से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया। इसके बाद रामनगर तथा राजस्थान में प्रतिष्ठित रेडिसन ब्लू ग्रुप होटल में बतौर शैफ कार्य भी किया। बता दें कि इस दौरान राहुल को बेस्ट शैफ ऑफ द ईयर आदि के पुरस्कार भी मिले।
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राहुल बिष्ट बताते हैं कि उन्हें बैंगन का हलवा, मंडुवे के आटे की बर्फी, सात्विक हलवा, लहसुन की खीर बनाकर विशेष रिस्पांस मिला है। साथ ही उनका सोचना है कि अगर स्थानीय व्यंजनों को नई रेसिपी के साथ मिलाकर बनाया जाए तो उत्तराखंड के पारंपारिक व्यंजनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी जा सकती है। जिसकी कोशिश में वे लगे हुए हैं।
क्षेत्र के सभी लोग राहुल की कोशिशों से और उसके आइडिया से काफी प्रभावित हैं। होटल व्यवसायी सुंदर सिंह रावत, कोमल शर्मा ने कहा कि राहुल बिष्ट जैसे पेशेवर युवाओं के प्रयासों से उत्तराखंड के स्थानीय व्यंजनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
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