जयपुर पिछले वर्ष यानी 2020 जुलाई में सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगे थे। गहलोत खेमे ने विधायकों की खरीद फंरोख़्त का आरोप लगाते हुए कुछ ऑडियों टेप वायरल किए गए थे जिसके चलते बहुत बवाल हुआ था । फिर से इस मुद्दे को हवा दे दी गई है और इसी के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने तीसरी बार नोटिस भेजा है । गहलोत के ओएसडी का नाम लोकेश शर्मा है और उनसे पूछताछ के सिलसिले में पुलिस द्वारा उपस्थित होने को कहा गया है । पेश नहीं होने पर गिरफ्तारी की चेतावनी भी पुलिस की ओर से दे दी गई है ।
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इससे पहले गहलोत के ओएसडी को 160 सीआरपीसी के तहत नोटिस जारी कर 24 जुलाई और 22 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। मगर वह दोनों बार पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए थे। लेकिन इस बार सीआरपीसी 41 (1) ए के तहत लोकेश शर्मा को आरोपी के तौर पर नोटिस भेजकर तलब किया है। इसी के साथ नेटिस में कुछ शर्ते भी रखी गई है जिसका पालन ना करने पर गिरफ्तारी की चेतावनी पुलिस द्वारा जोशी को दे दी गई है ।
लोकेश शर्मा पर दिल्ली हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है, लेकिन उनसे पूछताछ की छूट है। अब दिल्ली क्राइम ब्रांच के सख्त लहजे में आए नोटिस के बाद पूरा मामला बदल गया है। लोकेश शर्मा के 12 नवंबर को पेश होने पर अभी स्थिति साफ नहीं है। गहलोत के विशेष ऑफिसर पर लगे इलजाम से गहलोत भी घबराए हुए है ।
पिछले वर्ष इस मुद्दे पर जमकर इस मुद्दे पर विधानसभा के बजट सत्र में जमकर हंगामा हुआ था। संसद में भी यह मामला उठाया गया था। विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने माना था कि मुख्यमंत्री के ओएडी ने ऑडियो वायरल किए थे। बीजेपी शुरू से ही इन वायरल ऑडियो के सोर्स के बारे में पूछते हुए सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगा रही है। यह मामला पूरी तरीके से रफेदपा नहींं हुआ था इसीलिए फिर से जाग उठा है।
ओएसडी पर शिकायत दर्ज करने की हिम्मत खुद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेकावत ने की है। उनकी ही शिकायत पर 25 मार्च को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फोन टैपिंग मामले में लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की थी। लोकेश शर्मा ने इलज़ाम के गलत बताते हुए और राजस्थान की घटना के लिए दिल्ली में केस दर्ज करने पर क्षेत्राधिकार का सवाल उठाया था । इस पर शर्मा ने इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे डाली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 जनवरी तक लोकेश शर्मा को गिरफ्तारी से राहत ते दी है लेकिन क्राइम ब्रांच उनसे पूछताछ कर सकेगी। अब इस मामले में जांच और तेज होने के आसार है। अभी तक मामले का स्पष्टीकरण नहीं हुआ है ।