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अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, उत्तराखंड में तैयारियों ने पकड़ा जोर


Ram Mandir Latest Update: Uttarakhand:

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में अब बस कुछ ही दिन रह गए हैं। जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की 7000 प्रसिद्द हस्तियां भी सम्मिलित होने जा रही हैं। और राम मंदिर के लिए देशभर से ऐतिहासिक उपहार भेजे जा रहे हैं। भव्य राम मंदिर निर्माण के साथ जुड़ी करोड़ों सनातनी अनुयायियों की आस्था इस आयोजन को और भी ज़्यादा सुंदर बनाती है।

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आपको बता दें कि त्रेता युग में अधर्म का मर्यादा में रहकर सर्वनाश करने वाले भगवान राम को उनकी सरलता और सहस के लिए जाना जाता है। और यह भी दावा किया जाता है कि मुग़ल आक्रांताओं द्वारा उनके जन्मस्थान पर कब्ज़ा कर मस्जिद का निर्माण किया गया था। जिसके बाद शताब्दियों तक राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष चलता रहा। और आपको यह जानकार हैरानी भी होगी कि कोर्ट में राम मंदिर निर्माण के लिए कई सुनवाइयों में भगवान राम ने स्वयं अपनी पैरवी की थी। और अंत में सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर निर्माण के आदेश से पूरे भारतवर्ष में हर्ष और उत्साह को बढ़ा दिया। जिसके बाद 5 मई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भूमि पूजन भी किया था।

और अब सैकड़ों राम भक्तों के बलिदान के बाद राम मंदिर निर्माण का कार्य अंतिम चरण पर है। और यह मंदिर निर्माण ऐतिहासिक इसलिए भी है क्योंकि इसमें पूरे भारत की झलक देखने को मिलेगी।

आपको बता दें कि नेपाल से आई शिलाओं से भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण जी की मूर्ती बनाई गई है। नेपाल से ही 16 पवित्र नदियों का जल अयोध्या राम मंदिर पहुंचा है। मंदिर में लगे पत्थरों की तराशी का काम राजस्थान उड़ीसा मध्यप्रदेश के शिल्पकारों द्वारा किया गया है। बिहार से मंदिर के लिए स्तम्भ पहुंचे हैं। दरवाज़ों के लिए लकड़ी महाराष्ट्र के जंगलों से लाइ गई है। और छत्तीसगढ़ से 3000 क्वंटल चावल अयोध्या पहुंचे हैं। तमिल नाडु से 42 घंटियां राम मंदिर निर्माण में भेंट की गई हैं, जिनमे हर घंटी का वजन 120 किलो है। गुजरात से 108 फ़ीट लम्बी अगरबत्ती अयोध्या पहुंची है जिसका वजन 3500 किलो है और इस अगरबत्ती की सुगंध से लगातार 2 महीने तक अयोध्या के सुगन्धित रहने की बात कही जा रही है।

देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां ज़ोरों पर हैं। उत्तरायणी और मकरैण के उपलक्ष्य पर होने वाले सभी आयोजनों को राम मंदिर की थीम पर मनाए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री धामी द्वारा दिए गए हैं। जब अयोध्या में 500 वर्ष बाद राम मंदिर का उदघाटन होगा और एक ही जगह पर पूरे भारत के दर्शन होंगे। तो घर बैठे हर सनातनी की भव्य वैचारिक जीत और धर्म की पुनः स्थापना राम मंदिर के रूप में हो जाएगी।

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