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उत्तराखंड में साढ़े छह लाख उपभोक्ताओं का राशन कार्ड बंद,नैनीताल जिले का आंकड़ा देखें

देहरादून: यूं तो उत्तराखंड बीते माह अगस्त से ही वन नेशन वन कार्ड योजना लागू कर चुका है। खाद्य विभाग की मुहिम के बावजूद शत-प्रतिशत यूनिटों की आधार सीडिंग में संबंधित व्यक्तियों से सहयोग नहीं मिलने की समस्या भी पेश आई। इस अड़चन को दूर करते हुए सरकार ने आधार सीडिंग से दूरी बनाने वाली पांच लाख यूनिट को एनएफएसए योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी वन नेशन वन कार्ड बनने जा रहा है। उत्तराखंड के राशनकार्ड उपभोक्ता अब राज्य के भीतर किसी भी जिले और अन्य प्रदेशों में सस्ता सरकारी खाद्यान्न खरीद सकेंगे। आधार सीडिंग में बाधा बनीं पांच लाख यूनिट को राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है। इन यूनिट के लिए अब खाद्यान्न नहीं मिलेगा। साथ में जिलों को 4.50 लाख यूनिट को आधार से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है। आधार से जुड़ने वाली यूनिट का खाद्यान्न राशनकार्डधारकों को देने के निर्देश सरकार ने दिए हैं।

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बता दें यह मामला बीते दिनों विधानसभा सत्र के दौरान भी उठ चुका है। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने बताया कि एनएफएसए से बाहर की गईं यूनिट को दोबारा राशनकार्ड में शामिल करने का विकल्प खुला रखा गया है। सरकार किसी भी पात्र को सस्ता खाद्यान्न योजना से वंचित नहीं करना चाहती। इसलिए जिलों को यूनिट की आधार सीडिंग कराते हुए राशनकार्ड में दर्ज करने के लिए लक्ष्य दिया गया है। बताया कि अब तक 85 फीसद आधार सीडिंग का सत्यापन भी किया जा चुका है। उत्तराखंड और अन्य राज्यों के राशनकार्डधारक जरूरत पड़ने पर एक दूसरे राज्यों में सस्ता खाद्यान्न ले सकेंगे।

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