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बड़े दिल के खिलाड़ी हैं ऋषभ पंत, देवभूमि के लाडले ने फिर दिखाए पहाड़ के संस्कार

देहरादून: ऋषभ पंत सही मायनों में उत्तराखंड के ब्रांड एंबेसडर हैं। पहाड़ों की नेक दिली को ऋषभ बार बार अपने कर्मों से विश्व जगत में फैला रहे हैं। ऋषभ बड़ा दिल दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 मुकाबले में ऋषभ को भले ही बल्लेबाजी करने का मौका ना मिला हो। मगर उन्होंने फिर भी सोशल मीडिया पर वाह वाही बंटोर ली। ऋषभ की एक पोस्ट को देखकर उनके चाहने वाले तारीफों के पुल बांध रहे हैं। ऋषभ ने एक बार फिर दिखाया है कि उनका दिल कितना बड़ा है।

दरअसल ऑस्ट्रेलिया की टीम तीन टी20 मुकाबलों की श्रंखला खेलने के लिए भारत के दौरे पर है। जिसके पहला मैच मोहाली में ऑस्ट्रेलिया ने जीता जबकि दूसरे मुकाबले में भारत ने जीत हासिल की। यह मैच नागपुर मे खेला गया था। मैच से पहले बारिश के कारण मैदान गीला था और एक वक्त में मुकाबले के होने की संभावना कम ही लग रही थीं। लंबे अरसे बाद नागपुर में मैच हो रहा था इसलिए दर्शक भी काफी तादाद में आए थे। सारा दारोमदार ग्राउंड्समैन के ऊपर था। मैदान पर काम करने वाले कर्मचारियों ने घंटों मेहनत कर मैदान खेलने लायक बनाया।

इसी के बाद दोनों टीमों के बीच आठ आठ ओवर का मैच संभव हो सका। मुकाबले मे क्या हुआ क्या नहीं हुआ, इसपर चर्चा होती रहती है। मगर ग्राउंड्समैन के अपने काम के प्रति समर्थन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऋषभ पंत ने भी नहीं किया। मैच जीतने के बाद भारत के सभी खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर जीत की तस्वीरें शेयर की और अपनी खुशी जाहिर की। लेकिन ऋषभ पंत ने कुछ अलग किया। उन्होंने जीत की खुशी जताने के साथ साथ ग्राउंड्समैन का शुक्रिया भी अदा किया। उन्होंने लिखा कि इतना अच्छा मुकाबला ग्राउंड्समैन के समर्पण के बिना नहीं हो सकता था।

ऋषभ पंत के इस पोस्ट को जिसने भी देखा, सराहना की। ऋषभ ने लीक से हटकर कुछ नहीं किया। मगर हमारे उत्तराखंड के इस लाडले ने कर्मियों के प्रति इज्जत दिखाकर देवभूमि का मान बढ़ा दिया। ऋषभ के पोस्ट पर कई सारे कमेंट्स आए हैं। जिसमें बहुत से चाहने वाले उनके इस व्यवहार की तारीफ कर रहे हैं। गौरतलब है कि ऋषभ यह मुकाबला खेल रहे थे। हालांकि, उन्हें बैटिंग करने का अवसर नहीं मिला। इससे पहले नागपुर पहुंचने पर विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अपने एक छोटे फैन को ऑटोग्राफ देकर उसका दिन बना दिया था। उम्मीद है कि ऋषभ उत्तराखंड के संस्कारों को इसी तरह आगे ले जाएंगे और भारत का नाम दुनिया के कोने कोने में रौशन करेंगे।

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