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पूर्णागिरी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर, रोपवे निर्माण से आसान होगा सफर

Photo - Hotel peak view

टनकपुर: मां पूर्णागिरी धाम में दर्शन करने के लिए देश के कोने कोने से श्रद्धालु आते हैं। अब सभी श्रद्धालुओं को और भी ज्यादा सहुलयित देने के लिए लंबे समय से यहां रोपवे निर्माण की कवायद चल रही है। बता दें कि जिला प्रशासन ने पर्वतमाला योजने के तहत पर्यटन सचिव को प्रस्ताव भेजा है, जिसके स्वीकृत होने कि इंतजार है। गौरतलब है कि अबतक हनुमान चट्टी से काली मंदिर तक रोपवे स्वीकृत है। ताजा प्रस्ताव पास होता है तो ठुलीगाड़ से रोपवे सेवा मिल सकेगी।

बता दें कि फिलहाल काली मंदिर से स्वीकृत रोपवे का काम भी नहीं शुरू हो सका है। चूंकि यहां चट्टान में दरार आ गई थी, इसलिए अभी ट्रीटमेंट का इंतजार किया जा रहा है। याद दिला दें कि तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने 15 जून 2015 को रोपवे योजना की आधारशिला रखी थी। 2017 में भूमि पूजन हुआ लेकिन काम में तेजी नहीं आ सकी। जब स्वाइल टेस्टिंग और फिर इंजीनियर ना मिलने की समस्या से निजात मिली तो बेस स्थान के चट्टान में दरार की शिकायत आने से काम रुक गया।

इसी कड़ी में पर्यटन विभाग द्वारा आइआइटी रूड़की से यहां चट्टान का ट्रीटमेंट हेतु सर्वे करने को कहा गया है। अच्छी बात ये है कि हनुमान मंदिर से काली मंदिर के बीच बनने वाले रोपवे को विस्तारित करते हुए इसे ठुलीगाढ़ से शुरू करने का प्रस्ताव पर्यटन सचिव को भेजा गया है। परमिशन मिलती है तो भक्तजनों को खासा फायदा होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि ये रोपवे पीपीपी मोड पर बनाया जाना है।

आपको ये भी जानकर खुशी होगी कि यह रोपवे पहला रोपवे होगा, जो दक्षिण एशिया में चीन एवं स्विट्जरलैंड की तकनीक के समानांतर तकनीक के आधार पर तैयार किया जाएगा। इसमें 900 मीटर की दूसरी को एक घंटे में एक हजार यात्री पूरा कर सकेंगे। बता दें कि काली मंदिर पर अपर टर्मिनल प्वाइंट और हनुमान चट्टी पर लोअर टर्मिनल प्वाइंट होगा। पर्यटन विभाग के इस योजना के विस्तारीकरण के पीछे का कारण ये है कि हनुमान चट्टी पर पार्किंग समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिए जगह कम है।

जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने जानकारी दी और बताया कि रोप वे के लिए वन विभाग से 0.9 हेक्टेयर भूमि 30 साल के लिए लीज पर मिली है। रोपवे को ठुलीगाढ़ से शुरू करने के लिए पर्वतमाला योजना के तहत प्रस्ताव बनाकर डीएम के आदेश पर पर्यटन सचिव को भेजा है। साथ ही काली मंदिर में रोप वे के बनने वाले टर्मिनल वाले चट्टान में दरार के ट्रीटमेंट के लिए आइआइटी रुड़की से सर्वे करने की बात कही गई है।

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