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पौड़ी गढ़वाल की शैलजा कंडवाल बनी लेफ्टिनेंट, भारतीय सेना की वर्दी पहनने का सपना पूरा हुआ


Shailja Kandwal Garhwal: Indian Army Women Contribution: Pauri Garhwal Success Story:

उत्तराखंड की बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। खेल, शिक्षा जैसे क्षेत्र में यहाँ की महिलाओं की चर्चा काफी समय से होती आई है। अब यही बेटियाँ रक्षा क्षेत्र में अपनी सहभागिता से कई नए आयाम स्थापित कर रही हैं। जी हाँ, देवभूमि उत्तराखंड की बेटियों का भारतीय सेना में अफसर पद के लिए चयन होना पूरे प्रदेश के लिए गर्व का अवसर है। आज हम आपको ऐसी ही गर्व से भरी सफलता की कहानी से परिचित कराएंगे। यह कहानी है पौड़ी गढ़वाल की शैलजा कंडवाल की। शैलजा अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद का कार्यभार संभालेंगी।

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शैलजा कंडवाल मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर क्षेत्र क़े बौसली गाँव की निवासी हैं। शैलजा ने पिछले दिनों महराष्ट्र के पुणे में AFMC (आर्म्ड फाॅर्स मेडिकल कॉलेज) में आयोजित पासिंग आउट परेड पूरी कर यह पद प्राप्त किया है। शैलजा की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा देहरादून के सीजेएम स्कूल से पूरी की है। 2019 में नीट परीक्षा उत्तीर्ण कर आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज पुणे में प्रवेश लेकर शैलजा ने एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की थी। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अब शैलजा भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट सेवा करने के लिए तैयार हैं।

अपनी बेटी की इस बड़ी उपलब्धि से शैलजा के माता-पिता खुश हैं। बता दें कि शैलजा के पिता संजय कंडवाल उत्तराखंड के आवास विभाग में कार्यरत हैं और उनकी माता रचना कंडवाल एक कुशल गृहणी हैं। अपनी बेटी को प्राप्त हो रही जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी के समय वे दोनों शैलजा के साथ ही थे। बता दें कि शैलजा के माता-पिता ने ही उनके कन्धों पर सितारे लगाकर अपना आशीर्वाद शैलजा को दिया। शैलजा की उपलब्धि से उनके परिवार के साथ-साथ क्षेत्र में भी ख़ुशी की लहर है। सभी परिचितों और रिश्तेदारों ने उन्हें इस अवसर पर ढेरों शुभकामनाएं दी हैं। शैलजा ने भी अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने माता-पिता और उनके समर्थन को दिया है।

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