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देहरादून की शिराली ने शतरंज में बनाया नया कीर्तिमान,पंजाब में मिला WCM सम्मान


Sherali Patnayak,chess player Dehradun : उत्तराखंड की कैसी होनहार और प्रतिभाशाली बेटियां हैं जो न केवल परीक्षाओं में बल्कि खेल के क्षेत्र में भी अपना कमाल दिखा रही हैं। यह बेटियां क्रिकेट, बैडमिंटन मार्शल आर्ट आदि जैसे अन्य खेलों में ना केवल बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं बल्कि सफलता के नए कीर्तिमान भी बना रही है। ऐसे ही एक प्रतिभाशाली बेटी से हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने शतरंज में 2 हजार फिडे रेटिंग हासिल कर एक नया कीर्तिमान रचा है। हम बात कर रहे हैं देहरादून की रहने वाली शेराली पटनायक की। (Chess player, Sherali Patnayak from Dehradun)

प्रतिष्ठित खिताब WCM से हुई सम्मानित

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शेराली पटनायक देहरादून के किशनपुर कनाल रोड की रहने वाली हैं। शेराली पटनायक अभी डीपीएस स्कूल देहरादून में कक्षा नवीं की छात्रा है14 वर्षीय शेराली पटनायक ने चंडीगढ़ में आयोजित हुई 34वीं राष्ट्रीय अंडर- 17 ओपन गर्ल्स शतरंज चैंपियनशिप में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया था। यहां अपने शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए शेराली ने नया इतिहास रच डाला है। दरअसल चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में 15 से 23 जुलाई के बीच एमपीएल नेशनल अंडर 17 गर्ल्स चैंपियनशिप आयोजित की गई थी। इस दौरान शेरालि ने इस चैंपियनशिप में 6वां स्थान प्राप्त किया और 2000 फिडे रेटिंग हासिल किया, जिस पर अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ ने शेराली पटनायक को प्रतिष्ठित शतरंज खिताब, WCM से सम्मानित भी किया। उन्होंने खेल के मानक प्रारूप में 2000 से अधिक प्रकाशित फीडे रेटिंग की अनिवार्य आवश्यकता को पार कर इस सम्मान को अर्जित किया है। (Sherali Patnayak won MPL national under 17 girls championship)

बता दिया जाए कि महिला कैंडिडेट मास्टर का खिताब हासिल करने वाली शेराली उत्तराखंड की पहली खिलाड़ी बन गई हैं।2029 की वर्तमान रेटिंग के साथ, वह अब भारत की शीर्ष 50 सक्रिय महिला शतरंज खिलाड़ियों की सूची में जगह बनाने के काफ़ी करीब हैं। शेराली बताती हैं कि उन्हें बचपन से ही शतरंज का शौक रहा है और उनका सपना ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है। दिमाग के इस खेल में रेटिंग को बनाना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है, इसके लिए वे अभी से अभ्यास के जरिए ओलंपिक के लिए खुद को तैयार कर रही हैं। शेराली की माता शिवानी पटनायक डीबीएस पीजी कॉलेज देहरादून में केमिस्ट्री डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता सुशांत पटनायक आईएफएस ऑफिसर हैं। (Sherali Patnayak success story)

शेराली की मां शिवानी पटनायक बताती हैं शेराली बचपन में अपनी उनके साथ शतरंज खेला करती थी, जिसके चलते उन्हें यह खेल बेहद अच्छा लगने लगा और उन्होंने छोटी सी उम्र में ही प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करना शुरू कर दिया था। शेराली ने अपना पहला टूर्नामेंट 7 वर्ष की आयु में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में खेला था। अब तक वह लगभग 100 से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रतिभाग कर चुकी है। पिछले वर्ष दिसंबर 2023 एशियाई शतरंज में शेराली ने रजत पदक जीतकर उत्तराखंड व देश का मान बढ़ाया था। इसके अलावा शेराली ने यूएई में चल रही एशियाई यूथ रैपिड शतरंज प्रतियोगिता में अंडर-14 आयु वर्ग में खेलते हुए अपना दूसरा इंटरनेशनल पदक जीता था। शेराली पटनायक ने वर्ष 2022 श्रीलंका में आयोजित राष्ट्रीय मंडल खेलों में अंतरराष्ट्रीय रजत पदक जीता था। शेराली अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के अलावा कोच और शिक्षकों को भी देती हैं। (Sherali Patnayak achievements)

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