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चंडीगढ़ में छाया हल्द्वानी, एक ही परिवार के दो खिलाड़ियों ने जीते तीन पदक

Haldwani News: Medal: Mamta Joshi: Jyoti Joshi: चंडीगढ़ में आयोजित आल इण्डिया सिविल सर्विसेज एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हल्द्वानी के लिए अच्छी खबर सामने आई। शहर की रहने वाली डॉ ममता जोशी पाठक लंबी कूद में स्वर्ण तथा 100 मीटर में कांस्य पदक जीता है। इसी प्रतियोगिता में हल्द्वानी वन प्रभाग में वन दरोगा के पद पर कार्यरत ज्योति जोशी ने 400 मीटर में कांस्य पदक जीता। बता दें कि ज्योती जोशी ममता जोशी की ननद हैं। ममता जोशी ज्योती जोशी की कोच भी रही है। एक ही घर से उत्तराखण्ड की झोली में तीन पदक जीते हैं। उक्त प्रतियोगिता मे उत्तराखण्ड ने 2 स्वर्ण और 4 कांस्य कुल 6 पदक जीते। हल्द्वानी निवासी ममता जोशी के नाम कई राष्ट्रीय मेडल हैं। साल 2022 में सिविल सर्विसेज में 100 मीटर दौड़ और लंबी कूद में उत्तराखंड को दो स्वर्ण पदक दिलाए थे। सिविल सर्विसेज में ऐसा पहली बार उत्तराखंड के किसी खिलाड़ी ने किया था। इससे पहले ममता पाठक ने कांस्य तथा रजत पदक हासिल किया था।

ममता जोशी पाठक कालाढूंगी जीआईसी की छात्रा रह चुकी हैं। वह अपने स्कूल के दिनों से ही तमाम नेशनल प्रतियोगिताओं में कामयाबी हासिल कर चुकी हैं। ममता जोशी पाठक बचपन से ही एक अच्छी एथलीट रही है। वह राजकीय इंटर कॉलेज पवलगढ़, ब्लॉक कोटाबाग, नैनीताल में PET के पद पर कार्यरत है। वह एक NIS कोच एथलेटिक्स भी हैं। आपको बता दें कि 2003 में वह NIS टॉपर भी रही थी।

ममता जोशी पाठक एक मां भी हैं। उनके पति उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत हैं। शिक्षक के रूप में करियर और घर की जिम्मेदारियों को उन्होंने कभी अपने गेम पर हावी नहीं होने दिया। इसी का नतीजा है कि वह लगातार राष्ट्रीय खेलों में शिरकत करती रहीं और कामयाबी भी उन्हें मिलती रही। खिलाड़ी कभी भी एक दिन की मेहनत से नहीं चमकता है, इस पर डॉ. ममता जोशी पाठक ने कहा कि खिलाड़ी की दुनिया बाहर से अच्छी दिखती है लेकिन काफी कठिन होती है। बतौर खिलाड़ी फिटनेस बनाए रखना काफी अहम होता है और थोड़ी सी चूक बड़े टूर्नामेंट से बाहर कर सकती है। इन तमाम बातों का ध्यान रखना पड़ता है जो बिल्कुल भी आसान नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कामयाबी हर वक्त आगे बढ़ने की ऊर्जा देती है और मैं युवाओं को भी यही टिप्स देती हूं।

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