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धामी सरकार अवैध मज़ारों को तोड़ेगी! लैंड जिहाद करने वालों को दी चेतावनी

देहरादून: एक बार फिर से प्रदेश की मजारों और अन्य धार्मिक संरचनाओं के अतिक्रमण का मामला तूल पकड़ने लगा है। सरकार का भी मानना है कि एक हजार से ज्यादा मजारें व अन्य धार्मिक संरचनाएं जंगल की भूमि पर कब्जा कर बनीं हैं। सर्वे किया जा रहा है। बता दें कि इन्हें हटाने के लिए छह महीने के मोहलत भी दी गई है।

याद दिला दें कि पिछले वर्ष अप्रैल में तराई और भाबर क्षेत्र के जंगलों में तेजी से ऐसी संरचनाओं के बढ़ने की सूचना ने हर किसी को चौंकाया था। बाद में राज्य सरकार द्वारा जून में वन विभाग को सर्वे कराकर राज्य के जंगलों में स्थित धार्मिक स्थलों के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई। वन क्षेत्रों में लगभग 400 धार्मिक संरचनाओं का पता चला था। इनमें कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व में लगभग 40 मजारें होने का पता चला था।

विदित हो कि जंगलों में अवैध रूप से बनी मजारों को हटाने की मुहिम भी पिछले लगभग छह माह से चल रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मामले में मुखर हैं। उन्होंने कहा है कि शुरुआती सर्वे में जंगलों में लगभग एक हजार स्थानों पर अतिक्रमण पता चले हैं और इसमें कार्रवाई चल रही है। पहले तो उसे स्वयं हटाने के लिए कहा गया है। यदि छह माह के भीतर नहीं हटता है तो प्रशासन इसे हटाएगा

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