हल्द्वानी: कुछ दिन पूर्व कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई थी। जिसमें नई दरों और दुकान आवंटन को लेकर भी फैसला किया गया था। अब शराब की दुकानें को दो साल के लिए दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लॉकडाउन के चलते शराब की दुकाने बंद रही थी और सरकार को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। इसे देखते हुए शराब के रेट उत्तराखंड में बढ़ने वाले हैं और इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा। वहीं शराब की ओवर रेट बिक्री का मामला भी अक्सर सामने आता है और इसे लेकर सरकार और आबकारी विभाग गंभीर है।
राज्य में अंग्रेजी, देसी शराब और बीयर एमआरपी से अधिक पर बेची तो जुर्माना के अलावा स्वामी को बैन किया जा सकता है। पहली बार में 50 हजार, दूसरी बार में 75 हजार और तीसरी बार पकड़े जाने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं चौथी बार अगर कोई दुकानदार पकड़ा जाता है तो दुकान का लाइसेंस रद्द हो जाएगा और लाइसेंसधारी काली सूची में दर्ज कर दिया जाएगा। फिर इस दुकान की निलामी दोबारा नए सिरे से की जाएगी।
राज्य में अंग्रेजी, देसी शराब और बीयर एमआरपी से अधिक पर बेची तो जुर्माना के अलावा स्वामी को बैन किया जा सकता है। पहली बार में 50 हजार, दूसरी बार में 75 हजार और तीसरी बार पकड़े जाने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं चौथी बार अगर कोई दुकानदार पकड़ा जाता है तो दुकान का लाइसेंस रद्द हो जाएगा और लाइसेंसधारी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। फिर इस दुकान की निलामी दोबारा नए सिरे से की जाएगी।
नई आबकारी नीति में यह सख्त प्रावधान किया गया है। शासन ने नई आबकारी नीति की अधिसूचना जारी कर दी है। वहीं राज्य में पहली बार शराब के टेंडर ई प्रणाली तहत डाले जाएंगे। इसके अलावा नई नीति में सरकार ने अपना लक्ष्य भी तैयार कर लिया है। आने वाले दो सालों में लक्ष्य अलग अलग हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने शराब से 3200 करोड़ रुपये का राजस्व कमाने का लक्ष्य रखा है, जबकि 2022-23 में वह 3600 करोड़ रुपये कमाने की कोशिश करेगी।
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