हल्द्वानी: अब शहर से नैनीताल जाने के लिए केवल टैक्सी और बस ही विकल्प नहीं रहेगा। सरोवरी नगरी तक की खूबसूरत यात्रा की सौगात देने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने रानीबाग से नैनीताल तक रोप-वे (रज्जू मार्ग) बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इस निर्माण में लगभग पांच सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पीपीपी मोड में संचालित होने वाली परियोजना के लिए इच्छुक कंपनियों से आवेदन मांगे हैं।
इस सुविधा के शुरू करने के पीछे पर्यटन को बढ़ाने के अलावा नैनीताल में बढ़ती वाहनों की संख्या को कम करना है। रोपवे के निर्माण से पहले पर्यटन विकास परिषद और कुमाऊं मंडल विकास निगम के अधिकारियों ने सर्वे के बाद परिषद ने रोपवे निर्माण और उसके संचालन का अनुभव रखने वाली कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। जिला पर्यटन अधिकारी मुख्यालय (नोडल रोपवे) सतीश बहुगुणा ने बताया कि 12 से 15 किमी लंबे रोपवे का निर्माण किया जाएगा। इस काम कितना खर्च आएगा ये कंपनियों के आवदेन प्राप्त होने के बाद ही पता चल पाएगा। प्रारंभिक सर्वे के मुताबिक इसमें पांच सौ करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि रोपवे रूट के स्टेशनों में होटल, रिजॉर्ट, बहुमंजिली कार पार्किंग, रेस्टोरेंट, दुकानों समेत अन्य आधारभूत सुविधाएं भी जुटाई जाएंगी।
यहां पर होंगे रोपवे के स्टेशन
नैनीताल जाने के लिए रोपवे का पहला स्टेशन रानीबाग होगा। यहां से यात्रा शुरू होने के बाद डोलमार और ज्योलीकोट में दो स्टेशन और बनाए जाएंगे। वहीं अंतिम पड़ाव हनुमानगढ़ी होगी जहां से य़ात्री लोकल वाहन से नैनीताल पहुंच सकते हैं। में बनाए जाने वाले स्टेशन में यात्रियों को उतारा जाएगा।
रोपवे का शुरू होना नैनीताल के पर्यटन में जान फूंक देगा। इससे रोजगार के अवसर भी सामने आएंगे। जिला पर्यटन विकास अधिकारी (मुख्यालय) सतीश बहुगुणा के मुताबिक रोपवे निर्माण का उद्देश्य नैनीताल जाने वाले यात्रियों को सुरक्षित, सक्षम, सुविधाजनक परिवहन उपलब्ध कराना है, ताकि नैनीताल क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही को कम करने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।