Uttarakhand: Haldwani: Advocates: Paperless: पेपरलेस रजिस्ट्री पर सरकार उत्साहित, वकीलों का विरोध तेज
महापंचायत में जुटे वकील, बार एसोसिएशन ने दिया समर्थन
सरकार डिजिटल इंडिया की दिशा में आगे बढ़ते हुए पेपरलेस रजिस्ट्री लागू करने की तैयारी में है, लेकिन वकीलों और दस्तावेज लेखकों ने इस फैसले का जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। हल्द्वानी में कुमाऊं मंडल के विभिन्न तहसीलों के वकीलों और दस्तावेज लेखकों ने महापंचायत आयोजित की, जिसमें बार एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया। इस विरोध प्रदर्शन में पूरे कुमाऊं मंडल से वकील हल्द्वानी के रजिस्ट्री कार्यालय परिसर में एकत्र हुए।
सरकार का दावा – भ्रष्टाचार होगा कम, व्यवस्था होगी पारदर्शी
सरकार का मानना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्री से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और व्यवस्था अधिक पारदर्शी होगी। सरकार इसे एक बड़ा सुधार मान रही है, लेकिन वकीलों को यह फैसला अपने रोजगार पर संकट की तरह दिख रहा है।
वकीलों की चिंता – हजारों की रोजी-रोटी पर मंडराया खतरा
वरिष्ठ अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि पेपरलेस रजिस्ट्री लागू होती है, तो हजारों वकीलों के साथ-साथ टाइपिस्ट, मुंशी और ऑफिस स्टाफ भी बेरोजगारी की चपेट में आ जाएंगे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए ठोस उपाय किए जाएं।
“सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्री संभव नहीं” – कानूनी पेचिदगियों का दिया हवाला
वकीलों ने सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया केवल ऑनलाइन नहीं हो सकती, क्योंकि इसमें कई कानूनी दांव-पेंच होते हैं। उन्होंने तर्क दिया कि कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के संचालकों के पास न तो पर्याप्त कानूनी ज्ञान होगा और न ही अनुभव, जिससे भविष्य में कई विवाद और कानूनी उलझनें खड़ी हो सकती हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बढ़ेगा फर्जीवाड़ा
वकीलों ने चेतावनी दी कि वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रणाली में जमीनों की फर्जी रजिस्ट्रियों और अन्य धोखाधड़ी की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस फैसले पर पुन
