नैनीताल: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश का हाईकोर्ट भी एक्शन में आ गया है। अलग-अलग याचिकाकर्ताओं की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट ने सुनवाई कर अपना कड़ा रुख जाहिर कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हल्द्वानी, हरिद्वार व देहरादून में आरटीपीसीआर वे रैपिड एंटीजन टेस्ट 30 से 50 हजार प्रतिदिन कराए जाएं। इसके अलावा कई बिंदुओं पर कोर्ट ने निर्देश दिए।
दरअसल कोरोना काल में तरह तरह की व्यवस्थाओं जैसे हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन, पीपीई किट की उपलब्धता, एंबुलेंस का किराया, शमशान घाट में व्यवस्था, आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट की धीमी गति के बारे में कई लोगों ने कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थी। जिसपर कोर्ट ने त्वरित सुनवाई की है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: दफ्तर बंद करने के सभी आदेश कैंसल,कल से सरकारी ऑफिस खुलेंगे
यह भी पढ़ें: उतरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष ने कहा राम भरोसे है उत्तराखंड परिवहन निगम
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को तमाम निर्देश दिए हैं। जनपदों के जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है।
ये रहे मुख्य निर्देश
1. होम आइसोलेशन वाले मरीजों को तुरंत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
2. आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल व लैबों का नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन किया जाए। फिर उनमें भी टेस्ट कराए जाएं।
3. जिलाधिकारियों को अपने अपने क्षेत्रों में आशा वर्कर व एनजीओ के माध्यम से संक्रमित क्षेत्रों को चिह्नित करने के निर्देश दिए ताकि पीड़ितों को शीघ्र उपचार मिल सके।
4. हॉस्पिटल में खाली बेडों व किस हॉस्पिटल में ऑक्सीजन उपलब्ध है उसकी जानकारी रोज उपलब्ध कराएं।
5. श्मशान घाटों की व्यवस्था दुरुस्त की जाए।
6. गरीब व जरूरतमंद लोगों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना व दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत उपचार के लिए हेल्थ कार्ड शीघ्र उपलब्ध कराएं।
7. हल्द्वानी, हरिद्वार व देहरादून में आरटीपीसीआर वे रैपिड एंटीजन टेस्ट 30 से 50 हजार प्रतिदिन कराए जाएं।
8. उत्तराखंड में 2500 रजिस्टर्ड दंत चिकित्सक हैं और कोविड सेंटरों में डॉक्टरों की कमी है तो सरकार इनसे मदद ले।
यह भी पढ़ें: सैलानी ध्यान दे, कोरोना के चलते मसूरी समेत 4 जगहों पर लगा Curfew
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: एक दिन में 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों ने कोरोना वायरस को हराया
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य में कोरोना से मरने वालों की दर (1.542) को अन्य राज्यों के मुकाबले ज़्यादा चिंताजनक बताया। सुनवाई के दौरान स्वाथ्य सचिव अमित नेगी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। बता दें कि कोर्ट ने इन सभी बिंदुओं पर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट 7 मई तक कोर्ट में मांगी है। साथ ही उन्हें भी पेश होने को कहा गया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मई की तिथि नियत की है।
बहरहाल मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारंटीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर कीं थीं।
यह भी पढ़ें: DM गर्ब्याल ने जनता और अस्पतालों की दूरी को किया कम, ज़रूरत पड़ने पर इन्हें करें कॉल
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड:पुलिस कांस्टेबल पर दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने का आरोप