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पुलवामा हमले के बाद उत्तराखंड सरकार बनाएगी कश्मीरी छात्रों के लिए अलग से नियम

देहरादूनः पुलवामा हमले के बाद से कई राज्यों में कश्मीरी छात्रों द्वारा देश विरोधी टिप्पणियां का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। तो वहीं उत्तराखंड राज्य के देहरादून कालेज से भी कश्मीरी छात्रों द्वारा देश विरोधी टिप्पणियां सुननें में आ रही है। पर अब सरकार ने कश्मीरी छात्रों की इस हरकत पर एक्शन लेते हुए। कश्मीरी छात्रों के लिए नए नियम बनाने के निर्देश किये है। दअरसल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए सीआरपीएफ पर हमले के बाद, देहरादून के एक प्राइवेट संस्थान में पढ़ने वाले कश्मीर के छात्र को सस्पेंड कर दिया गया था। कॉलेज प्रशासन का आरोप था कि उसने मारे गए जवानों के संबंध में गलत पोस्ट की, बाद में उत्तराखंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। कश्मीरी आतंकवादियों के समर्थन के आरोप में दो और छात्राओं को भी कॉलेज से सस्पेंड कर दिया गया।एक और मामले में रुड़की के एक प्राइवेट कॉलेज में भी कुछ कश्मीरी छात्रों के पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने और सोशल मीडिया पर विवादित कमेंट करने की खबर आई है। कॉलेज प्रशासन ने वहां 7 कश्मीरी छात्रों को निलंबित कर दिया। उत्तराखंड की एक दो और जगहों से कश्मीरी छात्रों के विवादित पोस्ट करने की खबरें हैं।
सोशल मीडिया की इन घटनाओं के अलावा, उत्तराखंड में दो साल पहले पढ़ने आए, दो कश्मीरी युवक जो बाद में किसी को बताए बिना गायब हो गए थे और उनमें से एक शोएब मोहम्मद लोन, देहरादून में हैकिंग की तकनीक सीखने के बाद आतंकी संगठन हिज़्बुल लश्कर से जुड़ने की खबर थी। शोएब पुलवामा की घटना से ठीक एक दिन पहले, सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ में मारा गया। उसके दूसरे साथी, दानिश के भी तार आतंकी संगठनों से जुड़े होने की सूचना थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में करीब 3500 कश्मीरी छात्र अलग-अलग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षा का हब माने जाना वाला देहरादून जलवायु के हिसाब से भी कश्मीरी छात्रों का पसंदीदा शहर है। इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मा से लेकर जर्नलिज्म और रेगुलर कोर्सेज में ये छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों के अलावा काफी संख्या में कश्मीरी छात्राएं भी यहां पढ़ती हैं।

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