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उत्तराखंड: मोबाइल पर मिलेगी शराब की बोतल से लेकर पव्वे तक की सारी जानकारी


हल्द्वानी: आधुनिक ज़माना है, हरेक काम ऑनलाइन हो रहा है। बैंक के कामों से लेकर खरीददारी तक इंटरनेट के माध्यम से हो रही है। ऐसे में आबकारी विभाग ने भी हाई-टेक सुविधाएं अपनाने का मन बना लिया है। अब शराब की बोतल, अध्धे या पव्वे हों, हर किसी को ऑनलाइन सुविधाओं से लैस रखा जाएगा। लिहाज़ा इस से नकली शराब की बिक्री और शराब की तस्करी पर रोक लगाने में आसानी होगी।

उत्तराखंड में आबकारी विभाग पश्चिम बंगाल की भांति हाईटेक सिक्योरिटी सिस्टम लगाने जा रहा है। जिसे ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम नाम दिया गया है। बता दें कि बंगाल से एक टीम ने यहां आकर विभाग को इस बाबत सुझाव भी दिए थे। अब होगा यह कि बोतलों पर लगे होलोग्राम और एक एप की मदद से शराब के बारे में ए टू ज़ेड जानकारी मिल जाएगी।

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प्रदेश में शराब तस्करी तो जैसे रोज़ाना बढ़ते ही जा रही है। इधर नैनीताल जिले में भी इस से जुड़े कई तरह के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में अब आबकारी महकमे ने रणनीति तैयार कर ली है। मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक लागू होने वाले ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के तहत शराब की हर बोतल, अध्धे और पव्वे के ढक्कन पर एक होलोग्राम होगा।

इस होलोग्राम में एक क्यूआर कोड बना हुआ रहेगा। साथ ही मोबाइल पर एक एप भी होगा। अब होगा यह कि इस कोड को जब एप के द्वारा स्कैन किया जाएगा तो बोतल की कंपनी का नाम, बोतल के कंपनी से तैयार हो कर निकलने व एफएलटू पहुंचने की तिथि, बोतल के दुकान में आकर बिकने की तिथि समेत सारा विवरण स्क्रीन पर आ जाएगा। इस एप को आम लोग भी डाउनलोड कर सकेंगे।

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लाज़मी है कि इससे शराब का अवैध धंधा करने वाले कारोबारियों का भी पता लगाया जा सकेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार नए वित्तीय वर्ष में जो नई बोतलें आएंगी, उनमें यह कोड होगा। अगर वो किसी तस्कर के पास मिली तो कोड स्कैन करते ही दुकान का पता लग जाएगा। इससे आरोपितों पर शिकंजा कसने में आसानी होगी।

बहरहाल आपको बता दें कि आबकारी विभाग ने पूरी तरह से हाईटेक होने की ठान ली है। आबकारी निरीक्षक महेंद्र सिंह बिष्ट ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार ई-टेंडरिंग की मदद से दुकानों की नीलामी की जा रही है। इसके बाद अनेकों सुविधाएं जैसे शराब उठाने, शराब लेकर जाने के आदेश, लाइसेंस संबंधी काम आदि सब ऑनलाइन हो जाएंगे।

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