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लापरवाही उत्तराखंड रोडवेज अधिकारियों की और नाम PAYTM का… फिर देना पड़ा लाखों का दोगुना टोल

उत्तराखंड रोडवेज को Fastag की वजह से एक दिन में लगी तीन लाख रुपए की चपत

हल्द्वानी: एक तरफ उत्तराखंड रोडवेज करोड़ों के घाटे में चल रहा है। हालात ये है कि वह अपने कर्मचारियों का वेतन भी वक्त पर नहीं दे पा रहा है और दूसरी ओर अधिकारियों की लापरवाही उसे लाखों का घाटा पहुंचा रही है। एक बार फिर डबल टोल देने का मामला सामने आया है। पिछले 6 महीने में यह इस तरह का चौथा मामला है और निगम ने एक बार फिर पेटीएम पर इसका ठीकरा फोड़ा है।

जानकारी के अनुसार रविवार को सुबह से शाम तक बसों ने सभी मार्गों पर दोगुना टोल चुकाया है। लाखों का नुकसान विभाग को उठाना पड़ा है तो कर्मचारी आक्रोश में हैं। उनका कहना है कि मामूली वेतन पाने वाले चालक और परिचालक से गलती होती है तो उन्हें अपने वेतन से भुगतान करना पड़ता है लेकिन यहां कोई देखने वाला नहीं है।

लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं और फिर पल्ला झाड़ने के लिए निगम पेटीएम का नाम ले रहा है। प्रबंधन के पास उन्हें वेतन व दीपावली का प्रोत्साहन भत्ता देने को बजट नहीं है, जबकि दोगुना टोल देकर लाखों की चपत लग रही है। इसका जिम्मेदार कौन है…..

इससे पहले पूर्व नौ अप्रैल, फिर 27 अक्टूबर और उसके बाद 30 नवंबर को भी निगम की लापरवाही के वजह से दोगुना टोल देना पड़ा था। रविवार को फिर से सुबह करीब 10 बजे बसों में टोल के लिए लगाए गए फास्टैग का खाता खाली हो गया। इस कारण दिल्ली मार्ग पर दौराला मेरठ टोल प्लाजा पर बस का टोल 310 रुपये है, लेकिन उत्तराखंड की रोडवेज बसों ने 620 रुपये टोल दिया।

दून-हल्द्वानी मार्ग पर रामपुर में टोल प्लाजा पर 405 रुपये की जगह 810 रुपये टोल देना पड़ा। दून-हरिद्वार मार्ग पर लच्छीवाला टोल प्लाजा व हरिद्वार-रुड़की मार्ग पर बहादराबाद के टोल प्लाजा पर भी दोगुना टोल लगा।

चालक-परिचालकों द्वारा डिपो में शिकायत की गई तो रोडवेज ने खाते में रुपए डाले। कर्मचारियों ने कहा कि इसके लिए एक अधिकारी अलग से नियुक्त किया गया है। टोल का भुगतान पेटीएम से होता है और इसका खाता भी अलग है। इसके बाद भी लापरवाही हो रही है। अगर पेटीएम रुपए वापस नहीं करेगा तो क्या अधिकारी अपने वेतन से भुगतान करेंगे ?

रोडवेज के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन का कहना है कि फास्टैग के लिए पेटीएम के वालेट में 24 लाख रुपए थे, लेकिन यह धनराशि पेटीएम से फास्टैग को ट्रांसफर नहीं हो सकी। इस वजह से टोल प्लाजा पर बसों को दोगुना टोल देना पड़ा। हम रसीद का रिकार्ड बना रहे है और पेटीएम को भेजेंगे ताकि जो ज्यादा रकम जमा हो गई है, वह वापस आ सके।

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