देहरादून: देर से ही सही मगर उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए अच्छी खबर आई है। निगम को उत्तर प्रदेश से दो दशक बाद खुशखबरी मिली है। दरअसल परिसंपत्तियों के बंटवारे पर निगम को अपना हक मिल गया है। उत्तर प्रदेश सीएम और उत्तराखंड सीएम की वार्ता के बाद 205 करोड़ के हक पर सीएम धामी ने सहमति दे दी है।
बता दें कि उत्तराखंड राज्य साल नवंबर 2000 में बन गया था। मगर उत्तराखंड परिवहन निगम का गठन तीन साल बाद यानी अक्टूबर 2003 में हुआ। इस समयकाल में उत्तराखंड में चलने वाले निगम की बसों का टैक्स (50 करोड़ रुपए) यूपी परिवहन निगम के पास जमा था। जानकारी के मुताबिक इसमें से 14 करोड़ जमा करने के अलावा बाकी के 36 करोड़ रुपए अब भी यूपी के पास हैं।
इतना ही नहीं बल्कि उत्तराखंड परिवहन निगम की यूपी, दिल्ली में चार परिसंपत्तियों में 13.66 प्रतिशत अंश मिलना था। कुल मिलाकर परिसंपत्तियों का ये मुद्दा दो दशकों से चलता आ रहा है। उत्तराखंड परिवहन निगम की चार बड़ी परिसंपत्तियों में से बंटवारे का हिस्सा लेने के लिए कई बार परिचर्चा हुई लेकिन कोई फैसला नहीं लिया गया।
अब गुरुवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी की बैठक में यूपी से 205 करोड़ देने का प्रस्ताव आया, जिसे सीएम धामी ने स्वीकार कर लिया गया। इसका मतलब है कि अब यूपी परिवहन निगम इन परिसंपत्तियों की एवज में उत्तराखंड परिवहन निगम को 205 करोड़ का भुगतान करेगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड परिवहन निगम की आर्थित स्थिति ठीक नहीं है। बीते समय में तो निगम कर्मियों को वेतन तक नहीं दे पा रहा था। हालांकु बसों के संचालन के शुरू होने के बाद निगम ने रिकवरी की है। कर्मचारियों को वेतन भी देने में निगम सक्षम हो रहा है। लेकिम कई देनदारियां अब भी बाकी हैं। इस हिसाब से इन 205 करोड़ रुपए से उत्तराखंड परिवहन निगम को सांसे जरूर मिलेंगी।
