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ये हुई ना बात…अल्मोड़ा का सरकारी स्कूल पूरे प्रदेश में बना मिसाल,निजी स्कूलों को भी पीछे छोड़ा

अल्मोड़ा: उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले में कोरोना काल के बाद स्कूलो में छात्र संख्या में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इन स्कूलों में छात्रों का दाखिला लेने की संख्या बढ़ी है । वहां एक स्पेशल प्रोग्राम यानी रूपांतरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके तहत स्कूलों में प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर ही पढ़ाया जाएगा । इस कार्यक्रम की शुरूआत 2018 में हुई थी। दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी स्कूल में छात्र संख्या बढ़ाने और छात्रों को प्राइवेट स्कूल की तरह पढ़ाने के लिए की गई थी।

इसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों में भी स्मार्ट क्लास के साथ साथ प्राइवेट स्कूलों की तरह सभी सेवा सुविधाएं बच्चों को देने का फैसला किया गया था। यह प्रोग्राम अब सफल होता नज़र आ रहा है, जिन स्कूलों में छात्र संख्या बेहद कम थी उन स्कूलों में अब संख्या 50 फीसदी पहुंच गई है।

सरकारी स्कूलों का इस दिशा में बढ़ना मध्य वर्गीय परिवार के लिए राहत है। मध्य वर्गीय परिवार की कमाई का एक बड़ा हिस्सा बच्चों की पढ़ाई में जाता है। वहीं सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होना एक बड़ा सिर दर्द है। इस वजह से कई स्कूल बंद हो गए हैं और कई गांवों में बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर जाना पड़ता है।

जिला मुख्यालय के राजकीय प्राथमिक स्कूल दुगालखोला में पहले छात्र संख्या 34 थी अब 55 हो गई है । वहीं राजकीय प्राथमिक स्कूल गेवापानी में पहले छात्र संख्या 33 थी अब 82 हो गई है। जिला समन्वयक विघा कर्नाटक ने बताया कि जिले में अभी 144 स्कूल इस योजना में शामिल कर लिए गए है और उम्मीद है की इस से देश के भविष्य को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी ।

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