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बागेश्वर की मिट्टी का मैजिक, क्रिकेट मैदान पर इन 3 खिलाडियों से डरती है विपक्षी टीम

हल्द्वानीः उत्तराखंड के बागेश्वर की मिट्टी ही कुछ ऐसी है जो क्रिकेट खेल को एक से बढ़कर एक खिलाड़ी प्रदान करती है। ऐसे ही तीन बड़े खिलाड़ियों की आज हम बात कर रहे हैं जिनके खेल से विपक्षी टीम के पसीने छूट जाते हैं। मनीष पांडे, पारितोष राणा और कमलेश नगरकोटी ये तीन ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होने अपने शानदार प्रदर्शन से कई बार अपनी टीम को जीत दिलाई है।

मनीष पांडे भारतीय क्रिकेट टीम का एक ऐसा नाम है जिसने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से टीम इंडियो को कई बार जीत दिलाई। मनीष पांडे मूल रूप से बागेश्वर स्थित भिड़ी गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार बेंगलूरू में रहता है और यही से पांडे ने अपना क्रिकेट की शुरुवात की। मनीष पांडे ने अपने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत जिम्बाब्वे के खिलाफ 14 जुलाई 2015 में की थी। पांडे का प्रदर्शन न्यूजीलैंड टी-20 सीरीज़ में शानदार रहा। इस सीरीज के 4 मुकाबलों में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका मिला और 4 बार वो नॉट आउट रहे।

हल्द्वानी के रहने वाले पारितोष राणा मूल रूप से बागेश्वर के रहने वाले हैं। और उन्होने अपना क्रिकेट करियर हल्द्वानी क्रिकेट क्लब से शुरू किया। जहां कोच महेंद्र सिंह बिष्ट ने उन्हें निखारा। युवा खिलाड़ी पारितोष राणा ने अंडर-14 क्रिकेट में करियर का पहला शतक जमाया। राजसिंह डुंगरपुर अंडर-14 क्रिकेट ट्रॉफी में विदर्भ के खिलाफ 109 रन बनाकर उत्तराखंड को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। इस टूर्नामेंट में उनके खाते में एक फिफ्टी भी शामिल थी। पारितोष की पारी के बदौलत उत्तराखण्ड ने टूर्नामेंट में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया।

कमलेश नगरकोटी बागेश्वर के भरसाली-जजराली के रहने वाले हैं। कमलेश एक बेहतरीन गेंदबाज हैं। भारतीय अंडर-19 टीम के गेंदबाज कमलेश नागरकोटी की तेज गेंदबाजी से विरोधी टीमों को अच्छी खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इन्होंने अपने करियर का पहला मैच राजस्थान की टीम की तरफ से खेला था। कमलेश ने 13 साल की उम्र में राजस्थान अंडर-14 के लिए ट्रायल दिया था। बागेश्वर में जन्मे यह तीन दिग्गज खिलाड़ी क्रिकेट खेल को एक नई पहचान दे रहे हैं।

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