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धन्य है देवभूमि, बच्चों की प्रतिभा ने जल चुके पटाखों से बदल डाली स्कूल की तस्वीर


हल्द्वानी: मौजूदा वक्त में शिक्षा कामयाबी का सबसे बड़ा अंग है। अगर शिक्षा की ताकत किसी युवा को मिल जाए तो वह कुछ भी हासिल कर सकता है। माता-पिता भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की पूरी कोशिश करते हैं। अधितकर अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में कराते हैं और यही वजह है कि सरकारी स्कूलों की तस्वीर सालों से नहीं सुधरी है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

धौलादेवी जिला अल्मोड़ा स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला के बच्चों ने अपने शिक्षक भाष्कर जोशी के साथ मिलकर स्कूल की तस्वीर ही बदल दी है। बच्चों की प्रतिभा हर वक्त सुर्खियों में रहती है। इस स्कूल के बच्चे कभी संस्कृत में कार्यक्रम करते है तो कभी अंग्रेजी में, इसके अलावा बेकार हो गई चीजों का इस्तेमाल कैसे किया जाए इन बच्चों से बेहतर शायद ही कोई जान पाएगा।

दिवाली में जो पटाखे जलकर बेकार हो जाते हैं उनका बच्चों ने शानदार तरीके से उपयोग किया है। जल चुके पटाखों के अवशेषों से एक सुंदर झूमर का निर्माण किया और सभी क्लासेंज में लगाए जिसने स्कूल तस्वीर ही बदल दी है। बच्चों ने लोगों को बताया कि एक बुरी आदत ही दूसरी बुरी आदत को जन्म देती है इसलिए मद्यपान ना करें मद्यपान करने से बच्चों की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ता है।

इस बारे में शिक्षक भाष्कर जोशी ने बताया कि बच्चों को रास्ता दिखाने की जरूरत है और वह खुद ही प्रतिभा दिखाने लगते हैं। पिछले कुछ सालों में विद्यालय के बच्चों के काम करने और सोच में भी बदलाव आया है।

अब वो उस सोच के साथ समाज को स्वच्छ मार्ग पर ले जाने की बात करते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों से सरकारी स्कूलों की तस्वीर भी बच्चों की कारण ही बदल रही है क्योंकि उनमें जानने की ऊर्जा बढ़ी है। मेरी कोशिश रहती है कि उन्हें नए-नए आडियाज सामने रखी जिस पर वह अमल करें।

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