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उत्तराखण्ड की पर्यटन किताब में जुड़ा एक और ट्रैक, इन युवाओं ने की खोज

हल्द्वानी: उत्तराखण्ड पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। खास बात है कि यहां पर लगातार ट्रैक बनकर सामने आ रहे हैं जो युवाओं को काफी उत्साहित कर रहे हैं। इसी दिशा में युवाओं की खोज ने उत्तराखण्ड की पर्यटन किताब में एक और ट्रैक को जोड़ दिया है। मोनाल संस्था के सचिव सुरेंद्र पंवार, मनोज झिक्वान और भूपेंद्र खड़ायत ने इस ट्रेक की खोज की है।
सुरेंद्र के अनुसार मुनस्यारी से मेसर कुंड, मर्तोलीथौड़, रुढ़खान होते हुए खलिया टॉप के टॉटी तक और यहां से फिर वापस मुनस्यारी आया जा सकता है । 3900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुढ़खान से रामगंगा और गोरी नदी घाटी का बेहद आकर्षक नजारा दिखता है। रामगंगा और गोरी नदी घाटी का फैलाव, बर्फ से ढकी पंचाचूली चोटी, चहचहाती चिड़ियाओं और कस्तूरी मृग को देखना हो तो मुन्स्यारी भी आया जा सकता है।
इनका कहना है कि मुन्स्यारी से मेसर कुंड होते हुए खलिया टॉप के टाटी तक के 30 किलोमीटर के इस ट्रेक में रोमांच और खूबसूरती का अद्भुत संगम है। सुरेंद्र ने कहा कि लद्दाख में विंटर ट्रेक काफी पसंद किया जाता है। यदि राज्य सरकार सुविधाएं मुहैया कराए तो मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्र का यह ट्रैक देश-विदेश के ट्रैकरों की पहली पसंद बन सकता है।

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जानकारी के मुताबिक यह ट्रैक करीब 30 किलोमीटर लंबा है। इसमें तीन-चार दिन की ट्रेकिंग की जा सकती है। इस ट्रेक से बर्फ से ढकी हुई पंचाचूली चोटी भी दिखाई देती है जो टैकिंग के सफर को और खूबसूरत बना देती है। खोज करने वाले युवाओं ने ट्रेकिंग के दौरान कस्तूरी मृग देखने का भी दावा किया। ट्रेकर इस रूट पर बर्ड वॉचिंग का भी आनंद उठा सकते हैं। मर्तोलीथौड़ (2780 मीटर की ऊंचाई) में हिमपात के बाद कोई नहीं जाता है।

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फोटो सोर्स-www.facebook.com/saurabh.ahlawat77

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