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बेंगलुरु में देवभूमि के प्रवासियों के लिए देवदूत बनी उत्तराखंड की यह संस्था

देवभूमि के प्रवासियों के लिए देवदूत बनकर सामने आई उत्तराखंड की यह संस्था

हल्द्वानी: मनीष पांडे: देश कोरोना महामारी से बहुत शानदार तरीक़े से निपट रहा है। देश के कोने कोने से प्रेरणा, मनुष्यता की ख़बरें आ रही हैं। एक ऐसी ही ख़बर बेंगलुरु से आई है।

भारत सरकार के निर्देशानुसार विशेष ट्रेनों के माध्यम से प्रवासी मज़दूरों, दूसरे राज्य के निवासियों को, उनके गृह राज्य पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। इसी कड़ी में 12 मई को बेंगलुरु से उत्तराखंड के लिए पहली ट्रेन रवाना हुई। यह विशेष ट्रेन बेंगलुरु से हरिद्वार स्टेशन के लिए चली है, जिसमें तक़रीबन 1400 प्रवासियों को लाया जा रहा है। यह काम बहुत कठिन था और इसके लिए बहुत ज़िम्मेदार लोगों की ज़रूरत थी, जो सही से सब क्रियान्वित कर सकें।

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यहां उम्मीद की किरण बनकर आई है एक संस्था उत्तराखंड सांस्कृतिक परिषद, जो काफ़ी समय से बेंगलुरु में उत्तराखंड राज्य की संस्कृति और सभ्यता को प्रसारित और सहेजने का कार्य कर रही है।

संस्था के स्वयं सेवकों ने प्रवासियों को इकट्ठा करने से लेकर फॉर्म भरवाने, खाना खिलाने और बसों में बिठाकर ट्रेन तक पहुंचाने में कर्नाटक सरकार और पुलिस प्रशासन की सहायता की। संस्था के इस प्रयास से हज़ारों लोगों के अपने घर पहुंचने का लक्ष्य सुगम हो गया।

देवभूमि के प्रवासियों के लिए देवदूत बनकर सामने आई उत्तराखंड की यह संस्था

आज लोगों में अपने घर लौटने की खुशी थी और सबके मन में यह सोच थी कि अब उत्तराखंड में ही स्वरोजगार के अवसर तलाशे जाएंगे।हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह की खबरें और राज्यों में कार्य कर रहे लोगों को भी प्रेरित करेगी। साथ ही उन्हें भी पूरी निष्ठा, नियम के साथ कोरोना महामारी में लड़ने की ऊर्जा मिलेगी।

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