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उत्तराखंड रोडवेज में मुफ्त यात्रा करने वालों के लिए राहत, एक आदेश ने निकाला परेशानी का हल

उत्तराखंड रोडवेज कंडक्टरों के आएंगे अच्छे दिन, नए साल से पहले मिलेंगी 1000 नई टिकट मशीनें

मोबाइल में आईडी प्रूफ है तो परेशानी नहीं होगी

उत्तराखंड परिवहन निगम ने जारी किया आदेश, यात्रियों को होगा लाभ

देहरादून: राज्य सरकार की मुफ्त सेवा का लाभ ले रहे बस यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। यात्रा के दौरान उन्हें अब परेशानी नहीं होगी। मोबाइल पर दिखाया गया पास और पहचान पत्र भी मान्य होगा। उत्तराखंड रोडवेज सीनियर सिटीजन को मुफ्त बस यात्रा का लाभ देता है लेकिन परिचालक मुफ्त टिकट देने से बचने के लिए तमाम बहाने खोजते हैं। मुख्यालय में शिकायत पहुंची थी कि परिचालक मोबाइल पर दिखाए गए पहचान-पत्र और पास के आधार पर मुफ्त यात्रा से वंचित कर रहे हैं। मामले को गंभीरता से लिया गया और अब आदेश जारी कर दिया गया है कि डिजीलॉकर में रखा गया पहचान-पत्र व पास भी मान्य होगा।

बता दें कि साधारण बसों में छात्राओं, 65 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागिरकों, 60 वर्ष से ऊपर की महिलाओं, राज्य आंदोलनकारियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित, दिव्यांगजन, सैन्य पदक विजेताओं आदि को मुफ्त यात्रा दी जाती है।

निगम के महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन ने आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने साफ किया कि अगर किसी यात्री के पास पहचान पत्र और पास डिजीलॉकर में है तो उन्हें मुफ्त यात्रा का लाभ मिलेगा। दोनों ही दस्तावेज मान्य होंगे। अगर कोई परिचालक निशुल्क टिकट देने से मना करता है तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

डिजीटल इंडिया के नारे के बाद से लोग मोबाइल का प्रयोग दस्तावेज रखने के लिए करते हैं। परिचालक उनसे पहचान-पत्र की ऑरिजनल मांगते हैं और मुफ्त यात्रा कराने से मना कर देते हैं। यही शिकायत बीते दिनों छात्राओं के साथ भी सामने आई थी। निगम प्रबंधन छात्राओं को ऑनलाइन पास जारी कर रहा।

जब छात्राएं मोबाइल पर ये पास दिखाती थी तो परिचालक मना कर देते थे। अब आदेश जारी हो गए हैं कि मोबाइल या डिजीलाकर में दिखाए गए पहचान-पत्र व पास मुफ्त यात्रा के लिए मान्य होंगे। सभी मंडल व डिपो प्रबंधकों को इस संबंध में आदेश दिए गए हैं कि वह परिचालकों को इस संबंध में जानकारी दे दें।

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