Rudraprayag News

बधाई दीजिए, रुद्रप्रयाग स्यूंड निवासी वैभव डिमरी का हुआ ISRO में चयन


देहरादून: उत्तराखंड के युवा अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और अपनी मेहनत, समर्पण और टैलेंट के दम पर नए-नए आयामों को छू रहे हैं। यही नहीं, राज्य के युवा अपनी उत्कृष्टता के कारण न केवल प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं, बल्कि समाज में बदलाव लाकर दूसरों के लिए प्रेरणा भी बन रहे हैं। आजकल के युवा विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रहे हैं, जैसे कि भारतीय सेना, जल सेना, वायु सेना में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत होकर देश की सेवा कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य के कई युवाओं ने शैक्षिक क्षेत्र में भी सफलता की नई मिसाल पेश की है, जिसमें यूजीसी नेट जैसी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले छात्र शामिल हैं।

ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है रुद्रप्रयाग जिले के स्यूंड गांव के रहने वाले वैभव डिमरी की। वैभव ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए चयनित होकर 153 अभ्यर्थियों में से आठवां स्थान हासिल किया है। उनके इस अभूतपूर्व सफलता के बाद पूरे जिले में खुशी का माहौल है।

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वैभव की शैक्षिक यात्रा की शुरुआत रुद्रप्रयाग जिले के कोटेश्वर स्थित चोपड़ा शिशु मंदिर से हुई थी, जहां उन्होंने पांचवीं तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज से की। वैभव ने 2015 में इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रदेश की मेरिट सूची में सातवां स्थान प्राप्त किया था, जो उनकी मेहनत और लगन को दर्शाता है। इसके बाद, उन्होंने NIT श्रीनगर गढ़वाल से बीटेक की डिग्री प्राप्त की और फिर 2024 में IIT धनबाद से M.Tech की परीक्षा पास की। वर्तमान में वह बेंगलुरु स्थित भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स में कार्यरत हैं और अब हाल ही में उनका चयन BEएल बेंगलुरु में भी हो गया है।

वैभव के माता-पिता भी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं। उनके पिता, जगदंबा प्रसाद डिमरी, GIसी स्वीत के प्रधानाचार्य रह चुके हैं, जबकि उनकी माता, ऋतु देवी, रुद्रप्रयाग में पाटा जूनियर हाई स्कूल की शिक्षिका हैं। उनकी माता के अनुसार, वैभव बचपन से ही मेधावी और मेहनती छात्र था। वैभव की इस सफलता ने न केवल उनके परिवार को गौरवान्वित किया है, बल्कि पूरे क्षेत्र में भी उत्साह और खुशी का माहौल बना दिया है।

वैभव की कहानी न केवल उनके परिवार के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह पूरे राज्य के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि अगर मेहनत और समर्पण से काम किया जाए तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

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