देहरादून: राज्य में बारिश परेशानी का विषय बन गई है। बारिश के चलते पहाड़ों में लगातार भूस्खलन हो रहा है। वहीं अब देहरादून में भी बादल फटा है। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। देहरादून के संतला देवी मंदिर के पास बादल फटा था। इसके बाद इलाके में पानी भर गया था। सड़के तालाब में तब्दील हो गई थी। वहीं उत्तराखंड में आने वाले दिनों में भारी बारिश का अलर्ट जारी हो गया है। इसके अलावा ऋषिकेश में भी बादल फटा है।
देहरादून,नैनीताल,,उत्तरकाशी,पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत आदि जिलों में 26 और 27 तारीख को भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड में बारिश के वजह से पहाड़ों की मिट्टी व पत्थर बरसने से लोगों की मुसीबत ज्यादा बढ़ गई है। हाइवे बंद हो जा रहे हैं। मैदानी इलाकों से पर्वतीय क्षेत्रों में वाहन नहीं जा पा रहे हैं। नैनीताल और चंपावत में भूस्खलन के वीडियो सामने आए थे ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बारिश पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये कि आपदा से सम्बन्धित सूचनाओं से उन्हें भी अविलम्ब अवगत कराया जाय। शासन के उच्चाधिकारियों एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों का एक वाट्सएप ग्रुप भी बनाये जाने को कहा ताकि आपदा राहत कार्यों में त्वरित कार्यवाही की जा सके।
उन्होंने जिलाधिकारियों से भी निरंतर समन्वय बनाए जाने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास आपदा के दौरान लोगों को त्वरित राहत पहुंचाने का है, इस पर आपसी समन्वय एवं तत्परता के साथ ध्यान दिया जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 सितम्बर तक सभी सड़कों की स्थिति का भी आंकलन कर लिया जाए ताकि वर्षा समाप्त होते ही सड़कों की मरम्मत का कार्य अविलम्ब आरम्भ किया जा सके। उन्होंने कन्ट्रोल रूम के टोल फ्री नम्बर, लॉग बुक आदि का भी निरीक्षण कर व्यवस्थायें देखी।
सचिव आपदा प्रबंधन श्री एस.ए. मुरुगेशन ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में आपदा की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 24 घंटे आपदा प्रबंधन केंद्र को संचालित किया जा रहा है। धारचूला एवं गौचर में एक-एक हेलीकॉप्टर आपदा राहत हेतु तैनात किया गया है। सभी जिलाधिकारियों से निरंतर सम्पर्क बनाया जा रहा है। एस.डी.आर.एफ., आई.टी.बी.पी. एवं आर्मी से भी आवश्यकता पड़ने पर सम्पर्क किये जाने की व्यवस्था तथा संचार सुविधाओं को प्रभावी बनाया गया है।