केदारनाथ धाम के आसपास सुरक्षा दीवार तैयार की जानी है। मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम पर घाट का निर्माण किया जाना है। ये काम टिहरी हाइड्रोपावर डेवलपमेंट कारपोरेशन के जरिए हो रहा है। इसके साथ ही सरस्वती नदी में बाढ़ सुरक्षा का काम जिंदल ग्रुप को सौंपा गया है। इन सब बातों का प्रस्ताव केदारनाथ विकास न्यास को दे दिया गया है। इसके अलावा एक और खास काम होना है। केदारनाथ मंदिर के द्वार से सरस्वती और मंदाकिनी नदी के संगम पर 300 मीटर के स्पान में लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे। इन लाउडस्पीकर पर भजन और संगीत चलेगा, जिससे केदार की महिमा भक्तों को सुनाई जाएगी। यहीं 300 मीटर के दायरे में दो जगहों पर ऑक्सीजन की व्यवस्था भी की जाएगी।
जरूरत पड़ने पर यात्रियों को ये ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाएगी। केदारनाथ में आपदा के दौरान तीर्थ पुरोहितों के साथ सरकार ने 113 घर बनाने का करार किया था। इनमें से अब तक 40 घर ही बन पाए हैं। बाकी 73 घरों का निर्माण जिंदल ग्रुप द्वारा किया जाएगा। इसमें केदारनाथ के मास्टर प्लान का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही गौरीकुंड से केदारनाथ तक के पैदल ट्रैक रूट को चौड़ा किया जाएगा। ओएनजीसी ग्रुप को ये कांम सौंपा गया है। केदारनाथ में ठोस और तरल कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था की जानी है। एनजीटी की गाइडलाइंस के तहत यहां नई योजना तैयार होगी। हाल ही में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के बीच दिल्ली में बैठक हुई थी। बैठक में साफ किया गया है कि 2018 के दशहरा में ये काम पूरे कर लिए जाएंगे।