भवाली:नीरज जोशी: रक्षाबन्धन के दिन हर बहन जब अपने भाई को राखी बाधे उसके बाद एक पेड़ जरूर लगाएं। जिस प्रकार भाई अपनी बहन की जीवन भर रखवाली की जिम्मेदारी लेता है उसी प्रकार हर बहन भाई को एक पेड़ लगाकर उसके जीवन संरक्षण की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल ने रविवार को अपने ही निवास स्थान ओखलकाटा नाई में गाँव के हर यक्ति को बुलवाकर रक्षाबन्धन के दिन पेड़ लगाने को कहा। हर बहन को एक पेड़ लगाकर उसे भाई की तरह मानकर जीवन भर उसकी सेवा करने को कहा। उनका कहना था वह अब तक पन्द्रा से बीस स्कूलों में जाकर बच्चो को पर्यावरण संरक्षण के बारे में बता चुके है और बच्चो के साथ मिलकर तीन हजार पेड़ लगा चुके है । जिस उम्र में बच्चे को अपने करियर की चिंता होती है उसी उम्र में चंदन सिंह नयाल को पर्यावरण से लगाव सा हो गया। औऱ बिना किसी के आर्थिक मदद के अपने ही दम पे हजारो पेड़ लगा चुके है।
उत्तराखंड से हो रहे पलायन को रोकने के लिए पर्यावरण को बचाना उनका लक्ष्य सा गया हो। उनका कहना है। जिस तरह जीने के लिए भोजन की जरूरत पड़ती है उसी प्रकार जीने के लिए ऑक्सीजन की भी जरूरत है लेकिन आज का पड़ा लिखा मानव अपनी ही जिंदगी का गला घोंटने में लगा हुवा है। उसे नही दिख रहा है की आने वाले समय मे आक्सीजन की कमी से हमारा जीवन खतरे में पड़ सकता है उन्होंने कहा पानी हर किसी मानव जाति के लिए जरूरी है चाहे वह कुत्ता हो या बिल्ली बिना पानी के कोई नही राह सकता। और पानी के लिए पेड़ लगाना जरूरी है। इस लिये रविवार को चंदन सिंह नयाल ने हजार चौड़ी पत्ती वाले वृक्ष लोगो को बाटे और उनका संरक्षण करने को कहा। जिससे आगे आने वाली पीढ़ी को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।